टीवी या वीडियो देखकर न करें योगाभ्यास, जानिए क्यों?
इंटरनेशनल योगा डे के मौके पर टीवी और इंटरनेट पर हर जगह योगा ही छाया हुआ है। ऎसे में कई लोग घरों में टीवी के सामने बैठकर योग अभ्यास करते हैं तो सही नहीं है। आइए जानते हैं योग से जुड़ी बातें
टेलीविजन या वीडियो देखकर योग करना कितना सही है?
ऎसा करना गलत है। योग करने के लिए किस आसन में बैठें? हाथों की कौनसी मुद्रा हो? जिस भी प्रकार के योग को कर रहे हैं उसका मानसिक व शारीरिक असर क्या होगा? इन सभी बातों को जानना जरूरी है क्योंकि गलत आसन का शरीर को लाभ नहीं होता। जब व्यक्ति टीवी या वीडियो देखकर अभ्यास करता है तो उसका ध्यान शरीर की इंद्रियों पर न होकर सामने आ रहे दृश्यों पर ज्यादा होता है।
जो लोग योग शुरू करना चाहते हैं वे क्या तैयारी करें?
योग मन को एकाग्र कर शरीर को रोगमुक्त व स्वस्थ बनाने की प्रक्रिया है। इसे शुरू करने से पहले किसी विशेषज्ञ की मदद से इसके बारे में जानकारी अवश्य लें। इसके साथ ही अपनी दिनचर्या में बदलाव करें। जैसे सुबह जल्दी उठें और दैनिक नित्यकर्म के बाद ही योगाभ्यास करें। जीवन में अनुशासन लाएंगे तभी योग का पूरा लाभ मिल पाएगा।
बच्चों को योगाभ्यास करना चाहिए या नहीं?
दिमागी विकास के लिए योग सही है लेकिन कम उम्र में बच्चे की मानसिक व शारीरिक वृद्धि के लिए आउटडोर गेम्स जैसे बैडमिंटन, साइक्लिंग, फुटबॉल, और रनिंग बेहद जरूरी हैं।
क्या योग से मानसिक व शारीरिक परिणाम धीरे मिलते हैं?
यह बिल्कुल गलत धारणा है। यदि लक्षणों या जरूरत के हिसाब से सही योगासन उचित तरीके से किए जाएं तो इसका लाभ 10 से 15 दिन में ही दिखने लगता है। योग क रने से भले ही शरीर से पसीना न निकले लेकिन मांसपेशियों में खिंचाव आकर शरीर का लचीलापन बढ़ता है। सही योगासन करने से नर्वस सिस्टम में सुधार होता है और यह मजबूत बनता है जिससे दर्द के एहसास में कमी आती है।