वृंदावन:- जन-जन की आस्था के केंद्र विश्व विख्यात ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में एक बार फिर वीआईपी के लिए परंपरा टूटी। मंदिर के सेवायतों पर आरोप लग रहा है कि उन्होंने मंगलवार की रात मुख्य सचिव के आगमन के दौरान प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को मंदिर परिसर में भोजन कराया। इसकी पुष्टि मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से हो रही है। फुटेज में मुख्य सचिव हाथ धोते हुए और डीएम व अन्य अधिकारी भोजन करते हुए नजर आ रहे हैं।
मंदिर प्रबंधन के अनुसार मंदिर परिसर में किसी व्यक्ति को भोजन कराना मर्यादा का उल्लंघन है। साथ ही मंदिर की सफाई व्यवस्था को देखते हुए ये कोर्ट के आदेश की अवहेलना भी है। यहां सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए 30 अक्तूबर 2004 को सिविल जज जूनियर डिवीजन ने एक आदेश पारित कर मंदिर परिसर में भोजन व प्रसाद खाने-खिलाने पर रोक लगा रखी है। इसके लिए सेवायतों को नोटिस जारी किया जाएगा।
बता दें कि मंगलवार रात दस बजे मथुरा के दौरे पर आए मुख्य सचिव आलोक रंजन वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर पहुंचे। मंदिर के सेवायत आनंद किशोर गोस्वामी, जुगल किशोर गोस्वामी और उनके परिवार ने प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भोजन की व्यवस्था की हुई थी।
इसके लिए सेवायतों ने गेट नंबर दो से मंदिर के प्रवेश मार्ग पर मंदिर परिसर में ही कुर्सी और मेज लगवा दीं। इसमें कुछ अधिकारियों को कुर्सी और मेज पर बैठाया, जबकि अन्य अधिकारियों और श्रद्धालुओं के लिए जमीन पर बैठने की व्यवस्था की गई।
मंदिर के गेट नंबर दो पर लगे सीसीटीवी फुटेज में डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी कुर्सी मेज पर भोजन करते साफ नजर आ रहे हैं। मुख्य सचिव इस दीर्घा में नहीं थे। सूत्र बताते हैं कि उनके लिए अलग व्यवस्था की गई थी और वह एक दूसरे कैमरे की फुटेज में हाथ धोते हुए दिख रहे हैं।
बांके बिहारी मंदिर के सेवायतों का विवादों से पुराना नाता है। वैश्विक आस्था के इस केंद्र पर सेवारत दोनों भाई आनंद गोस्वामी और जुगल गोस्वामी कई विवादों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। पहले ठाकुर बांके बिहारी महाराज को जींस पेंट पहनाकर मोबाइल थमाना, सार्वजनिक जमीन पर कब्जा और नौ जनवरी को यज्ञशाला में तीन युवकों की संदिग्ध मौत का मामला शामिल था। अब मंदिर में परंपरा और कानून तोड़कर अधिकारियों को भोजन कराने का एक और मामला सामने आया है।
14 सितंबर 2006 को आनंद गोस्वामी और जुगल गोस्वामी ने अपनी मर्जी से ठाकुरजी के श्रीविग्रह को जींस, टीशर्ट, ब्रेसलेट और मोबाइल धारण करा दिया था। श्रद्धालुओं ने इसमें धार्मिक भावनाओं के आहत होने की बात कही। इसके बाद अदालत ने दोनों भाइयों को कुछ दिनों के लिए सेवा पूजा से वंचित भी कर दिया।
सात जनवरी को श्रद्धालुओं को जगमोहन से दर्शन कराने के मामले में सेवायत से स्पष्टीकरण मांगा गया। नौ जनवरी को आनंद गोस्वामी की यज्ञशाला में गांव जहांगीरपुर निवासी तीन युवकों की संदिग्ध अवस्था में मौत के बाद भारी बवाल हुआ। अब मंदिर में परंपरा और कानून तोड़कर मंगलवार की रात मुख्य सचिव और प्रशासनिक अधिकारियों को भोजन कराने के मामले में सेवायत फिर से विवादों में दिख रहे हैं।
बांके बिहारी मंदिर के सेवायतों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को मंदिर परिसर में भोजन कराने के मामले को मंदिर प्रबंधन ने गंभीरता से लिया है। प्रबंधक मुनीष शर्मा ने रात में तैनात रहने वाले आठ कर्मचारियों को मामले की जानकारी प्रबंधन को न देने पर कड़ी आपत्ति जताई है।
कर्मचारियों से पूछताछ भी की जा रही है। इधर देर शाम सिटी मजिस्ट्रेट विजय सिंह मंदिर पहुंचे और अपने स्तर से मामले की जांच शुरू की है। हालांकि, सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि वह निजी कार्यक्रम के तहत दर्शन के लिए आए थे।
मुनीष शर्मा, प्रबंधक, बांके बिहारी मंदिर वृंदावन
'सेवायत आनंद किशोर गोस्वामी और जुगल किशोर गोस्वामी ने मुख्य सचिव और प्रशासनिक अधिकारियों को मंदिर परिसर में कुर्सी मेज पर भोजन कराकर कानून तोड़ा है। इसके लिए मंदिर प्रबंधन सेवायतों को नोटिस जारी करेगा।'
राजेश कुमार, जिलाधिकारी मथुरा
'जुगल किशोर स्वामीजी के यहां भोजन किया गया था। कोर्ट का आदेश प्रबंध समिति के लिए है।'