दिल्ली:- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने बुधवार को फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की है। इस सूची में 21 विश्वविद्यालयों को फर्जी बताया गया है। यूजीसी ने छात्रों को इस विश्वविद्यालयों में दाखिला न लेने की सलाह दी है। ऐसी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने वाले छात्रों की डिग्री मान्य नहीं होगी। लिहाजा, किसी भी नौकरी के लिए इसका उपयोग नहीं हो सकेगा। सूची में देश के नौ राज्यों में चल रही यूनिवर्सिटी के नाम हैं। इनमें सर्वाधिक आठ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश में है। जबकि दूसरे स्थान पर दिल्ली का नंबर आता है। जहां छह फर्जी विश्वविद्यालय चल रहे हैं।
तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार में एक-एक फर्जी यूनिवर्सिटी है। यूजीसी की ओर से जारी सूची के मुताबिक उत्तर प्रदेश में महिला ग्राम विद्यापीठ विश्वविद्यालय (महिला विश्वविद्यालय) प्रयाग इलाहाबाद, गांधी हिंदी विद्यापीठ, प्रयाग इलाहाबाद, नेशनल युनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी कानपुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस युनिवर्सिटी (ओपन युनिवर्सिटी) अचलताल अलीगढ़, उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय, कोसी कलां मथुरा, महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय प्रतापगढ़, इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद इंस्टीट्यूशनल एरिया, खोड़ा, मकनपुर नोएडा, गुरूकुल विश्वविद्यालय वृंदावन मथुरा शामिल हैं।
दिल्ली में वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, यूजी जगतपुरी, दिल्ली, कॉमर्शियल युनिवर्सिटी लिमिटेड दरियागंज, यूनाइटेड नेशंस युनिवर्सिटी, वोकेशनल युनिवर्सिटी, एडीआर सेंट्रिक ज्यूरीडिसियल युनिवर्सिटी एडीआर हाउस 81 गोपाल टॉवर, 25 राजेंद्र प्लेस, नई दिल्ली-110008, इंडियन इंस्टीट्यूशन ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग शामिल हैं।
बिहार की मैथिली युनिवर्सिटी दरभंगा, कर्नाटक से बडागानवी सरकार वर्ल्ड ओपन युनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी बेलगाम, केरल से सेंट जॉन कृष्णट्टम, महाराष्ट्र से राजा अरेबिक युनिवर्सिटी नागपुर, तमिलनाडु से डीडीबी संस्कृत यूनिवर्सिटी पुत्तुर त्रिची, पश्चिम बंगाल से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन कोलकाता शामिल हैं।