कांग्रेस या BJP, चुनाव बाद कहीं भी जा सकते हैं केजरी!

Mar 1 2014 3:14AM (IST)
कांग्रेस या BJP, चुनाव बाद कहीं भी जा सकते हैं केजरी!
लोकसभा चुनावों के बाद क्या करेगी AAP?

आंदोलन से राजनीति, राजनीति से चुनाव और फिर विधानसभा से लोकसभा। अर‌विंद केजरीवाल के गोलपोस्ट बदलते रहे हैं और उसी लिहाज से उनके तौर-तरीकों में भी बदलाव आया है। इन दिनों केजरीवाल की आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनावों की धमाकेदार जीत के बाद लोकसभा चुनावों में उतरने की तैयारियों को अंतिम रूप दे रही है। जीत की संभावनाओं और देश के सामने खड़े अहम मुद्दों पर चर्चा के अलावा कुछ सियासी सवाल हैं, जो केजरीवाल के सामने आ खड़े होते हैं। लेकिन उनके जवाब देते वक्त वो साफगोई नहीं दिखती, जिसके लिए वो जाने जाते हैं। लोकसभा चुनावों के बाद आम आदमी पार्टी क्या किसी दल से हाथ मिलाएगी, यह ऐसा ही एक सवाल था।

सौ से ज्यादा सीटें मिली तो कहां जाएंगे केजरी?

दरअसल यह सवाल खड़ा हुआ है दिल्‍ली विधानसभा चुनावों से पहले किए गए दावों और उनके बाद की हकीकत पर। अरविंद केजरीवाल का कहना था कि वह कांग्रेस-भाजपा, किसी भी दल से हाथ नहीं मिलाएंगे। लेकिन चुनावों के बाद सरकार बनाते वक्त उन्हें कांग्रेस की मदद लेनी पड़ी। विधानसभा चुनावों में अपना डंका बजाने के बाद अब केजरीवाल दावा कर रहे हैं कि चुनावी सर्वे कुछ भी क्यों न दिखाएं, आगामी लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी सौ से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब रहेगी।

जब यह सवाल किया गया कि वो कौन से राज्य या इलाके हैं, जहां से उन्हें इतनी सीटें मिलने की उम्मीद हैं, तो उनका जवाब था, "यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि सीटें कहां से आएंगी, क्योंकि दिल्ली चुनावों में जिन सीटों पर हमें उम्मीद थी वहां हार मिली। जो सीटें हारने का डर था, वहां हमें जीत मिल गई। जनता के रुख के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।"

केजरीवाल की चुप्पी का मतलब

इसके बाद कुछ मुश्किल सवालों की बारी आई। जब केजरीवाल से पूछा गया कि सौ सीटें जीतने के बाद आम आदमी पार्टी कहीं 'जनमत संग्रह' का सहारा लेकर कांग्रेस या भाजपा के साथ गठबंधन तो नहीं करेगी, पहले वह इस सवाल का जवाब देने से बचते दिखे। लेकिन जोर डालने पर सिर्फ इतना कहा, "मुझे नहीं लगता कि ऐसा होगा।" दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले केजरीवाल ने प्रचार के दौरान बार-बार कहा था कि आम आदमी पार्टी को कितनी भी सीटें क्यों न मिलें, वह कांग्रेस या भाजपा से हाथ नहीं मिलाएंगे। अगर लोकसभा चुनावों के बाद दिल्ली जैसी स्थिति बने और AAP कोई ऐसा फैसला ले, तो शायद हैरानी न हो।

इसकी वजह यह है कि केजरीवाल ने इस संभावना को सिरे से खारिज नहीं किया। सियासत का कुछ पता नहीं है, ऐसे में शायद वह अभी सारी संभावनाएं और विकल्प खुले रखना चाहते हैं। ‌दिल्ली में सरकार बनाने के वक्‍त 28 विधायकों वाले केजरीवाल को कांग्रेस से मदद मिली, जिसके विधायकों की संख्या आठ थी।

साम्प्रदायिकता क्यों बना बड़ा मुद्दा

आम आदमी पार्टी का वजूद भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खड़ा है, लेकिन हाल में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि भ्रष्टाचार का मुद्दा बड़ा है, लेकिन साम्प्रदायिकता उससे भी बड़ा और गंभीर मसला है। केजरीवाल ने दोहराया कि ये दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने कहा, "दरअसल, राजनीतिक दल और सरकारें पांच साल तक कोई काम नहीं करती और सिर्फ भ्रष्टाचार पर ध्यान लगाती हैं। जब चुनावों का वक्‍त आता है, तो दंगे करवाए जाते हैं।"

उन्होंने कहा, "आज तक भाजपा ने हिंदुओं के लिए और कांग्रेस-सपा ने मुस्लिमों के लिए कुछ नहीं किया है। सिर्फ चुनावी रोटियां सेंकी जाती हैं। अगर उन्हें सियासी फायदे के लिए एक हजार लोगों का कत्लेआम कराना पड़ा, तो ऐसा करने से पहले वो एक पल भी नहीं सोचेंगे।"

दिल्ली चुनाव, लोकसभा के मुद्दे अलग

लोकसभा चुनावों से ऐन पहले साम्प्रदायिकता का मुद्दा उठाने पर अरविंद केजरीवाल से यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि कहीं ऐसा 'मोदी इफेक्ट' की वजह से तो नहीं हो रहा, क्योंकि हाल तक आम आदमी पार्टी सिर्फ भ्रष्टाचार पर फोकस कर रही थी। दिल्ली चुनावों में ऐसा खास तौर पर देखा गया। इसकी सफाई में आम आदमी पार्टी के संयोजक ने कहा, "नहीं ऐसा नहीं है। दरअसल, दिल्ली में यह कोई मुद्दा नहीं था।" केजरीवाल खुद कह रहे हैं कि कांग्रेस में कोई ताकत नहीं बची है और आम आदमी पार्टी उससे ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब रहेगी।

जाहिर है, केजरीवाल अब नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा पर हमले तेज कर रही है और बीते कुछ दिनों में सामने आए हमले इसी रणनीति की ओर इशारा कर रहे हैं। चुनाव करीब आते-आते इस तरह के हमलों की रफ्तार और तीखेपन, दोनों में इजाफा होने की उम्मीद है।

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मेष

व्यर्थ के संदेह और तर्क-वितर्क में समय और धन की हानि होगी। नियोजित कार्यक्रम भी सफल होंगे और आर्थिक लाभ का सुअवसर भी आएगा। लाभ की आशा रहेगी। किसी फिल्मी हस्ती से मेल-मुलाकात होगी। सौदे में कठिनाई होगी। हो सकता है कि यात्रा निरस्त करनी पड़े। पुराने दोस्त के आगमन से परिवार में व्यस्तता बढ़ेगी।

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वृष

पक्ष और विपक्ष के लोगों का सहयोग मिल सकता है। किसी महत्वाकांक्षा की शुरुआत होगी। अकारण पड़ने वाले व्यवधान से लाभ मार्ग प्रभावित होगा। परिश्रम की आवश्यकता है जिससे सक्रिय हुए विरोधी परास्त होंगे। व्यय भार बढ़ेगा। निर्माण कार्य की आवश्यकता महसूस होगी। कोई शुभ समाचार आपके उत्साह को बढ़ाएगा जिससे काम बनेगा।

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मिथुन

लाभकारी समय है। युक्ति और व्यवहार से सब कुछ पा सकते हैं। जटिलताएं खत्म होंगी और विरोधी भी परास्त होंगे। कनिष्ठ सदस्यों अथवा संतान पक्ष के कारण परेशानी होगी। खान-पान में परहेज करवाना ही युक्ति संगत है अन्यथा अपच-अजीर्ण का प्रभाव रहेगा। जीवनसाथी से आर्थिक कारणों से दूरी रहेगी लेकिन प्रेम यथावत बना रहेगा।

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कर्क

कुछ आर्थिक और पारिवारिक संकोच अभी आपको दबाव में रखेंगे। परिवर्तन की आशंका भी रहेगी। अधिक उत्साह और तत्परता से कार्य बिगड़ सकता है। असफलता के कारण दुख होगा। शुभ संदेश भी आएगा व पुराने मित्रों से मुलाकात होगी। अनावश्यक शंकाओं से बचें। गलत तरीके से धन अर्जित न करें। यात्रा आवश्यक होगी।

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सिंह

पारिवारिक विषमताएं सिर उठा सकती हैं। मान-सम्मान भी बढ़ेगा और अप्रत्याशित लाभ की प्राप्ति भी होगी। आर्थिक लेन-देन में सावधानी बरतें। किसी से अनबन के कारण व्यवहार व विचारों में परिवर्तन करना होगा। आपके द्वारा किए गए कार्यों का विरोध होगा। परिवार की समस्याओं के सम्बंध में कोई गलत निर्णय लेना कठिन होगा।

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कन्या

दौड़भाग और परिश्रम के बाद वांछित लाभ होगा। कार्यक्षेत्र की प्रक्रियाओं में व्यस्तता रहेगी। दूर की यात्रा भी करनी पड़ सकती है। मानसिक परेशानी के चलते मन कुंठाग्रस्त रहेगा। कुछ अधूरे कार्य आपको निपटाने होंगे। प्रियजनों से भेंट होगी। व्यय की पूर्ति होगी। सुख व दुख को समान समझकर सब कुछ भाग्य पर छोड दें। सब अपने आप ठीक होगा।

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तुला

सहज ही सभी काम समय पर बनते नजर आएंगे। अच्छे दिनों का संयोग मन को प्रफुल्लित करेगा। कार्यसाधक गतिविधियां होंगी और वित्तीय लाभ भी यथेष्ट रूप में होगा। खर्च पर नियंत्रण रखना जरूरी है। व्यापार व व्यवसाय से सम्बंधित कई अनुभव होंगे। व्यापार व व्यवसाय से जुड़े जातकों की विभिन्न क्षेत्रों में साख बढ़ेगी। यात्राएं होंगी।

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वृश्चिक

उत्सव व त्योहार में सम्मिलित होने के अवसर प्राप्त होंगे। अच्छे भोजन से स्वास्थ्य में वृद्धि होगी। मित्रों व बंधुजनों के कारण तनाव होने से घर में भी क्लेश की स्थिति पैदा हो सकती है। शुभ समाचार का आना लगातार जारी रहेगा, इसलिए वही कार्य करें, जिसके बनने की उम्मीद हो। संतान के प्रति थोड़ा चिंतित होंगे पर समझदारी से काम लें।

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धनु

कार्यक्षेत्र में आपकी धाक जमेगी व एक के बाद एक मामले सुलझते चले जाएंगे। धर्म-कर्म के प्रति श्रद्धा जागृत होगी और किसी महान हस्ती के दर्शन लाभ भी होंगे। उदर और आंख के कष्ट के कारण स्वास्थ्य प्रभावित होगा जिससे कार्यक्षेत्र में अस्थिरता रहेगी। समय के अनुसार चलने से आप उन्नति करेंगे वरना समय आपको पीछे छोड़ देगा।

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मकर

दाम्पत्य सुख में वृद्धि होगी। विपरीत योनि का सहयोग मिलेगा। जटिल कार्यों का निष्पादन होगा और लाभदायक उपक्रमों का संचालन भी होगा। मानसिक उलझनों के कारण सिर दर्द की आशंका रहेगी या फिर संतान पक्ष की चिंता रहेगी। पड़ोसियों के कारण कुछ परेशानी हो सकती है। बेहतर होगा कि उनसे बनाकर रखें तभी सहायता मिलेगी।

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कुंभ

आज अचानक ही वाहन और आवास संबंधी समस्याएं सिर उठा सकती हैं। शुभ संदेश आने से उत्साह बढ़ेगा और मित्रों का सहयोग भी प्राप्त होगा। दाम्पत्य संबंधों में पूर्ण सहयोग व विश्वास अनुभव करेंगे। स्वजनों का भी सहयोग मिलेगा। पहले व तीसरे दिन पारिवारिक अशांति रहेगी, इसलिए महत्वपूर्ण निणर्य उससे पहले ही ले लें। मित्रों का सहयोग बना रहेगा।

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मीन

किसी पराक्रम के कार्य और पुरुषार्थ की योजनाएं बनेंगी और मित्रों का सहयोग बना रहेगा। कोई चल या अचल सम्पत्ति का पारिवारिक विवाद निपटाना आवश्यक होगा। आर्थिक पक्ष भी सुदृढ़ होगा और मनोवांछित की प्राप्ति होगी। इस दिन पारिवारिक व्यवस्था बनाने में व्यस्त रहेंगे। सोचे हुए कार्य सफल होंगे और मित्रों द्वारा किए जा रहे विरोध में कमी आएगी।

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क्या दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद भाजपा को सरकार बनाने के लिए पहल करनी चाहिए?



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