महिला आश्रम के बेडरूम में CCTV कैमरा
रसोई में खाना भरपूर और दूध की नदियां बह रही हैं.लेकिन लड़कियां और महिलाएं भूखे मरने को विवश.बीमारी और दर्द के बीच दवा या डॉक्टर का नाम नहीं.यही नहीं,भूख के साथ ही अस्मत भी खतरे में.जी हां,यह सच जालंधर के गांधी वनीता आश्रम का है,जहां महिलाओं को बाथरूम की बजाय कमरे में कपड़े बदलना पड़ता है और कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं,जिसका सीधा प्रसारण दफ्तर में होता है.दफ्तर में पुरुष कर्मचारी भी काम करते हैं
जालंधर का यह आश्रम किसी प्राइवेट संस्था का नहीं बल्कि प्रदेश के सामाजिक सुरक्षा,महिला और बाल विकास विभाग के तहत आता है.शनिवार को जब सीजेएम राणा कंवलदीप सिद्धू ने यहां रेड की तो सभी दंग रह गए.पुलिस के पहुंचते ही लड़कियां और महिलाएं रोने लगीं और बिलखते हुए मदद की गुहार लगाने लगीं.लड़कियों ने बताया कि उन्हें आश्रम में भूख रखा जा रहा है.गर्भवती महिलाओं को किसी तरह की मेडिकल सुविधा नहीं है और उनके कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी की अधिकारी जालंधर की सीजेएम ने कैमरों की रिकॉर्डिंग को फिलहाल जब्त कर लिया है.शनिवार को वह दो वकीलों और पुलिसकर्मियों की टीम के साथ पहुंची थी और जब उन्होंने आश्रम में लड़कियों और महिलाओं की दास्तान सुनी तो खुद को भी रोने से नहीं रोक पाईं.दूध के लिए हर महीने मिलते है 91 हजार रुपये. आश्रम में 7साल की बच्चियों से लेकर गर्भवती महिलाओं के लिए हर महीने 91हजार रुपये सिर्फ दूध के लिए आते हैं. लेकिन दुखद यह है कि यहां लड़कियों और महिलाओं को महीने में 100ग्राम दूध तक नसीब नहीं होता.
पीड़ित महिलाओं और लड़कियों ने सीजेएम को बताया कि आश्रम में बाथरूम के फर्श पर हमेशा पानी भरा रहता है और इस वजह से उन्हें बाथरूम की बजाय कमरे में ही कपड़े बदलने पड़ते हैं.जबकि कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं.सीजेएम राणा कंवलदीप सिद्धू ने बताया कि आश्रम में कई खामियां हैं.लेकिन बजट वाले रजिस्टर में सब कुछ खातों में डाल रखा है.उन्होंने कहा,यहां लड़कियों को साइकिल दी गई है,लेकिन चलाने नहीं दिया जाता.कमरों में कैमरे हैं.खाने को रोटी नहीं और पीने को दूध नहीं.इनकी हालत देखकर मुझे खुद रोना आ रहा है.लेकिन अब ऐसा नहीं होगा और मैं इसकी रिपोर्ट माननीय हाईकोर्ट को भेजूंगी.'
आश्रम में बदइंतजामी का आलम यह है कि यहां कमरों में लड़कियों को ठूंस-ठूंसकर रखा जाता है.वकील नवजोत कौर कहती हैं,'यहां आलमारियां हैं,लेकिन यह किसी को दिया नहीं जाता.एक कमरे में 6 बेड लगे हैं,जबकि कमरे में 22 लड़कियां सोती हैं.'दूसरी ओर आश्रम की प्रबंधक पूनम अरोड़ा का कहना है कि आश्रम में कोई दिक्कत नहीं है. बाथरूम की हालत खराब है,लेकिन यह सरकार की ओर से बनवाया गया है.हालांकि कैमरे के सवाल पर पूनम का बयान अजीबो-गरीब है.वह कहती हैं,'सरकार की ओर से सीसीटीवी कैमरे की इजाजत है.लेकिन कहां लगाने के लिए कहा गया यह नहीं बता पाऊंगी.इस संबंध में परमिशन लेटर भी है,लेकिन वह अभी पास में नहीं है.'पूनम ने कहा कि आश्रम में कभी मारपीट नहीं की जाती है.मेडिकल जांच के लिए सिविल अस्पताल भी भेजा जता है,लेकिन गार्ड नहीं मिलने के कारण दिक्कत आती है.