कश्मीर में बौखलाए आतंकियों ने लगाई सेब के बागान में आग, एक्शन में सेना
विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद आजतक की टीम ने जम्मू-कश्मीर के हालात का जायजा लिया. पड़ताल में पता चला कि केंद्र सरकार के कदम से बौखलाए आतंकी कश्मीर के लोगों में भय पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. दक्षिणी कश्मीर में लोगों में खौफ पैदा करने के लिए आतंकी तमाम तरह के हथकंडे अपना रहे हैं.
आतंकियों ने शोपियां जिले में सेब की फसल में आग लगी दी. आतंकियों ने कारोबारियों के साथ-साथ मजदूरों को भी काम न करने की धमकी दी है जबकि शोपियां के एक गांव में पंचायत भवन में आग लगा दी. वहीं सेना लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर लगातार गश्ती कर रही है.
बहरहाल, हिंसा रोकने के लिए सुरक्षा बल मुस्तैदी से काम कर रहे हैं.ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा बल स्थानीय लोगों के संपर्क में हैं ताकि समय से पहले ऐसे मामलों को रोका जा सके और लोगों में सुरक्षा का भाव पैदा किया जा सके. स्थानीय लोगों से आतंकियों के बारे में भी जानकारी हासिल की जा रही है.
सूत्रों ने बताया कि आतंकी गतिविधियों को रोकने और उन पर निगरानी रखने के लिए सेना ने गश्ती बढ़ा दिए हैं. हालांकि मोबाइल सेवा ठप होने की वजह से सुरक्षा बलों को सही समय से सूचना हासिल करने में थोड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. यही वजह है कि आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने में कई तरह की चुनौतियां सामने आ रही हैं.
दक्षिण कश्मीर में लोगों में भय पैदा करने के लिए सेब के बगानों को निशाना बनाया जा रहा है. बगान मालिकों को डराया धमकाया जा रहा है. इसलिए सेब के बगान मालिकों ने पुलिस से संपर्क साधा है. सेब के बगान को निशाना बनाने की यह इकलौती घटना नहीं है. शोपियां के एक गांव में सेब के 70 कार्टन सेब में आतंकियों ने आग लगा दी.
आतंकियों ने इस घटना को उस समय अंजाम दिया जब सेब को बाजार भेजा जाने वाला था. किसानों को सेब बाजार न भेजने की धमकियां मिल रही हैं. सेब में आग लगाने की घटना सामने आने के बाद से सेना ने इलाके में गश्ती बढ़ा दी है.
आतंकी सिर्फ सेब के बागान ही नहीं बल्कि सरकारी इमारतों को भी निशाना बना रहे हैं और लोगों की मौजूदगी में उसमें आग लगा दे रहे हैं. शोपियां जिले के एक गांव में 28 अगस्त को आतंकियों ने एक पंचायत भवन में आग लगा दी थी.
ग्रामीणों का कहना है कि कुछ स्थानीय युवक चरमपंथी संगठनों में शामिल हो गए हैं और वही ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. और यही वजह है कि लोग उनके खिलाफ कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.