हरियाणा सरकार की खेल नीति के खिलाफ खिलाड़ी, खेलमंत्री निशाने पर
एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले पहलवान बजरंग पुनिया ने हरियाणा सरकार की खेल नीतियों के खिलाफ बागी तेवर अपना लिया है. गुरुवार को उन्होंने फिर ट्वीट करके हरियाणा सरकार और राज्य के खेलमंत्री पर निशाना साधा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा ' एक तरफ भारत द्वारा सरकार अपने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए जैसी योजनाएं बनाई जा रही है ताकि भारत का खेल जगत में नाम रोशन हो. दूसरी तरफ हरियाणा में खिलाड़ियों को हतोत्साहित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है ताकि खिलाड़ी घुटने के बल पर आ जाए.'
बजरंग पुनिया ने सीएम और राज्य के खेलमंत्री को टैग करते हुए लिखा 'घुटने के बल पर खड़ा होकर देश की जिम्मेदारी नहीं उठायी जाएगी साहब. यह सम्मानित करने का मृगतृष्णा दिखाकर हमें और दिशा भ्रमित न करें. हम खिलाड़ी भले ही सीधे-साधे लोग हैं पर हमें बेवकूफ साबित करने की कोशिश न करें.
एक तरफ भारत सरकार अपने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए जैसे विभिन्न स्किम बना रहे है ताकि भारत का खेल जगत में नाम रोशन हो । दूसरी तरफ हरियाणा में खिलाड़ियों को हतोत्साहित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है ताकि खिलाड़ी घुटने के बल पर आ जाए।
इससे पहले बुधवार को बजरंग ने ट्वीट करके लिखा था 'जब आप खिलाड़ी को पुरस्कार देने की बात करते हैं तो आप पैसा नहीं, आप समर्थन देने का वादा करते हैं.' उन्होंने लिखा 'अगर अपना वादा पूरा नहीं कर सकते तो आपसे कोई खिलाड़ी कैसे भविष्य में कोई उम्मीद रखेगा.' बजरंग के समर्थन में महिला पहलवान वीनेश फोगाट भी आ गई हैं.
उनके इस ट्वीट के बाद वीनेश ने लिखा था 'मैं हरियाणा सरकार से अपील करती हूं कि आप अपना पैसा वापस ले लीजिए. खिलाड़ी को अपनी राजनीति के अखाड़े में खड़ा कर उन्हें बेइज्जत नहीं कीजिए.'
दरअसल, अगर एक खिलाड़ी वित्तीय वर्ष में एक से ज्यादा पदक जीतता है तो उसे, उसके द्वारा जीते गए सर्वोच्च पदक के लिए आवंटित की गई पूरी राशि मिलेगी, लेकिन दूसरे व इसके बाद के पदकों के लिए 50 फीसदी राशि ही मिलेगी. राज्य सरकार की इस नीति का खिलाड़ी विरोध कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश के खेल मंत्री अनिल विज अपनी नीति पर कायम हैं. उन्होंने मीडिया से कहा 'पुरस्कार खेल नीति के हिसाब से ही दिए जाएंगे.