14 मौतें...YouTube पर हो रहा था लाइव
राजस्थान के बाड़मेर में रामकथा का प्रसिद्ध कथावाचक मुरलीधर का यूट्यूब पर लाइव प्रसारण चल रहा था. अचानक से हुई बारिश पर कथावाचक ने कहा कि लगता है बारिश तेज है, पंडाल उड़ न जाए. कुछ ही सेकंड में हालात बदले और वह अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाए कि टैंट पहले ऊपर उठा और फिर नीचे गिरा. यह सब सिर्फ 90 सेकंड में हुआ जिसका लाइव प्रसारण चल रहा था.
रामकथा के दौरान यूट्यूब पर लाइव प्रसारण चल रहा था. जिस समय हल्की बूंदाबांदी के बाद आंधी का दौर शुरु हुआ तो कथावाचक मुरलीधर महाराज ने श्रोताओं से कहा-पंडाल गिर रहा है, बाहर निकल जाओ...
कथा की शुरुआत दोपहर 2 बजे हुई थी. करीब 3:15 बजे आंधी के साथ बूंदाबांदी का दौर शुरू हुआ. पंडाल में पानी टपकने लगा तो आयोजकों ने महिलाओं को आगे आकर बैठाना शुरू कर दिया, लेकिन कथा का आयोजन नहीं रोका. दोपहर 3:28 बजे पंडाल के प्रवेश द्वार से अचानक बवंडर उठा. पंडाल नीचे गिरते ही लोहे के एंगलों में करंट बहने लगा. इस बीच, डिस्कॉम ने बिजली काट दी लेकिन जनरेटर ऑटोमैटिक स्टार्ट होने से करंट का प्रवाह नहीं रुका और लोहे के एंगलों में करंट बहने लगा.
रामकथा के दौरान बवंडर से पहले तो लोहे के पाइपों से बना पंडाल गिरा, फिर उसमें करंट दौड़ गया. हादसे में 14 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक घायल हैं.
कथा के लिए राजकीय सीनियर स्कूल परिसर में माता राणी भटियाणी मंदिर ट्रस्ट की ओर से यह पंडाल लगाया गया था. हादसा होते ही लोगों ने टैक्सी-टैंपों, निजी वाहन व एंबुलेंस सहित अलग-अलग वाहनों से अस्पताल पहुंचाया गया. हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन, पुलिस का सारा अमला मौके पर पहुंच गया.
इस पूरे हादसे में घायल लोगों ने हादसे की पूरी कहानी बताई. अस्पताल में इलाज करा रहे एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि रामकथा चल रही थी. अचानक आंधी आई, उसके बाद अफरा-तफरी मच गई. फिर अचानक बारिश के आने से पूरे पंडाल में करंट फैल गया और जिस वक्त कथा चल रही थी. उस वक्त 500 से 700 लोग मौजूद थे. उसके बाद में आनन-फानन में अस्पताल लाया गया.