20 साल बाद हुआ ब्लेजर की चोरी का केस दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला
सीनियर ओलंपियन बलबीर सिंह के गुम हुए यादगारी ब्लेजर को ढूंढने में एनआइएस को 19 साल लग गए। कोई सुराग नहीं लगा तो एक साल पहले पुलिस को शिकायत की गई। अब पुलिस ने अज्ञात लोगों पर केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
वर्ष 1998 में खिलाड़ियों ने अपनी यादगार के तौर पर कुछ चीजें नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्पोर्ट्स (एनआइएस) पटियाला को सौंपी थीं। इसमें हॉकी प्लेयर गोल्ड मेडलिस्ट ओलंपियन बलबीर सिंह का ब्लेजर भी शामिल था, लेकिन एनआइएस के म्यूजियम में चेक करने पर उनका ब्लेजर नहीं मिला था।
मामला सीनियर अधिकारियों के पास पहुंचा तो एनआइएस ने अपने लेवल पर करीब 19 साल तक छानबीन की। पर कुछ पता नहीं लगा। इसके बाद 2017 में पटियाला पुलिस को जांच सौंपी गई। पुलिस ने पहले गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कर ली। एक साल की पड़ताल के बाद गत शनिवार को एनआइएस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एसएस रॉय की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ चोरी का केस दर्ज किया है।
एनआइएस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एसएस रॉय ने कहा कि 1998 में सीनियर ओलंपियन बलबीर सिंह का ब्लेजर यादगारी सामान के साथ नहीं मिला था। काफी तलाश की थी, लेकिन मामला चोरी और गुम होने के बीच फंसा रहा। इस दौरान ब्लेजर सहित अन्य सामान संभालने व इन्हें लेकर आने वाले कुछ मुलाजिम रिटायर हो गए। कुछ अन्य जगहों पर चले गए हैं। इतने साल कन्फयूजन में ही निकल गए तो सीनियर के निर्देशों पर 2017 में मामले को पुलिस को सौंप गया। अब पुलिस उन लोगों को तलाश कर रही है, जो बीस साल पहले यह सामान लेकर आए थे।
डीएसपी सिटी वन योगेश शर्मा ने कहा कि यह मामला काफी पेचीदा है, लेकिन पुलिस इसे हल करके चोर को ढूंढ लेगी। इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। अब सभी लोगों से पूछताछ की जाएगी
बलबीर सिंह का जन्म 10 अक्टूबर, 1924 को हरीपुर, पंजाब में हुआ। वह भारत के हॉकी खिलाड़ी रहे और ओलंपिक में रिकॉर्ड बनाया है। वह भारत की उन तीन ओलंपिक टीमों में शामिल थे जिसने स्वर्ण पदक जीता (लंदन-1948, हेलसिंकी-1952, मेलबोर्न-1956)। उन्होंने 1952 के ओलंपिक में नीदरलैंड के विरुद्ध पांच गोल किए थे, जो एक रिकॉर्ड है। उन्हें बलबीर सिंह सीनियर कहा जाता है ताकि बलबीर सिंह नामक हॉकी के दूसरे खिलाड़ी से भ्रम न हो।