कानून में संशोधन के बिना एकसाथ चुनाव कराना संभव नहीं: ओपी रावत
नई दिल्ली, देश में एकसाथ चुनाव का मामला जोर पकड़ता जा रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने मंगलवार को कहा कि देश में एकसाथ चुनावा कराना संभव नहीं है। उनका मानना है कि कानून में संशोधन के बाद ही एक साथ चुनाव संभव है। हालांकि उन्होंने कहा कि 11 राज्यों में एक साथ चुनाव कराए जा सकते हैं। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों में सहमति जरूरी है। रावत ने कहा कि एकसाथ चुनाव के लिए अतिरिक्त चुनावकर्मी, सुरक्षा और वीवीपैट मशीनों की जरूरत होगी। दरअसल, सोमवार को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मोदी सरकार अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ-साथ 11 राज्यों में एक साथ चुनाव करा सकती है। भाजपा भी खुद देश में एक साथ चुनाव के पक्ष में रही है।
सर्वदलीय बैठक बुला सकती है सरकार
लोकसभा और राज्य की विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने के मसले पर सर्वसम्मति कायम करने के उद्देश्य से सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक सोमवार को बताया कि सर्वदलीय बैठक आगामी कुछ दिनों में बुलाई जा सकती है। हालांकि बैठक बुलाने को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
11 राज्यों में एकसाथ चुनाव के मूड में सरकार
सरकार अगले वर्ष होने वाले लोकसभा और 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव को एकसाथ करने का मन बना रही है। सूत्रों की मानें तो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, छत्तीसगढ़ और हरियाणा जैसे राज्यों के चुनाव कराए जा सकते हैं। हालांकि यह राह इतनी भी आसान नहीं है। बता दें कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, वहीं ओडिशा, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, मिजोरम में विधानसभा चुनाव 2019 के आम चुनावों के साथ होने वाले हैं।