पार्क की अवैध बुकिंग के पैसे लेते कैमरे में आप पार्षद कैद
भाजपा शासित नगर निगम में सत्ता पक्ष के पार्षदों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली आम आदमी पार्टी (आप) के एक नवनिर्वाचित पार्षद पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। हस्तसाल की वार्ड संख्या 21 (एस) से आप पार्षद अशोक सैनी पर एक व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि उन्होंने एक ऐसे पार्क की बुकिंग के नाम पर पैसे लिए जिसकी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम बुकिंग ही नहीं करता। उसने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व दिल्ली पुलिस से इसकी शिकायत की है। शिकायतकर्ता का दावा है कि उसने इसका वीडियो भी बनाया है।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि अशोक सैनी के कार्यालय की एक महिलाकर्मी ने उनके सामने पार्क की बुकिंग के लिए पैसे लिए। सैनी ने सस्ते में पार्क की बुकिंग कराने का दावा किया। उन्होंने कहा कि मेरे लेटरहैड पर इसकी बुकिंग 11 हजार रुपये में हो जाएगी, नहीं तो ऑनलाइन बुकिंग के लिए 26 हजार रुपये देने होंगे। उक्त शख्स का आरोप है कि सैनी ने पहले भी उसके एक जानकार से पैसे लेकर इस पार्क की बुकिंग कराई थी, लेकिन आयोजन के समय कई और लोगों को भी पैसे देने पड़े थे। इससे आहत होकर उसने पार्षद के चेहरे से भ्रष्टाचार का नकाब उठाने का फैसला लिया। सैनी से एक फर्जी सगाई समारोह के लिए हस्तसाल वार्ड के होली चौक पर स्थित रामलीला मैदान पार्क की बुकिंग की बात हुई। शिकायतकर्ता का दावा है कि पहली किस्त के रूप में उसने पार्षद के सामने ही पांच हजार रुपये दिए, जबकि दूसरी किस्त में छह हजार रुपये दिए। शिकायतकर्ता के अनुसार, निगम कार्यालय जाने पर पता लगा कि इस पार्क की बुकिंग होती ही नहीं है।
खुफिया कैमरे में वीडियो रिकॉर्डिग करने वाले शिकायतकर्ता का कहना है कि उसने सारे सुबूतों के साथ स्पीड पोस्ट के जरिये जुलाई 2017 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से शिकायत की, लेकिन अभी तक पार्षद पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सूचना के अधिकार से पता लगा कि इस शिकायत को सचिवालय द्वारा लोकायुक्त के पास भेज दिया गया है। उसने इस बारे में दक्षिणी नगर निगम और उत्तम नगर थाने में भी शिकायत दी है।
इस मामले पर जब पार्षद अशोक सैनी का पक्ष जानने के लिए उनसे फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने वीडियो की मांग की। इसके बाद सोमवार रात 8.46 बजे उन्हें वाट्सएप पर वीडियो भेज दिया गया। मंगलवार को एक बार फिर उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने माना कि इस पार्क की बुकिंग नहीं होती है, लेकिन वीडियो पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि व्यस्तता के चलते वीडियो देख नहीं पाए हैं, क्योंकि जिस नंबर पर वाट्सएप की सुविधा है वह उनके दफ्तर द्वारा संचालित किया जाता है। वह वीडियो देखने के बाद ही कुछ कह पाएंगे।
निगम के अधिकारी के अनुसार पार्क बुकिंग की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाती है। अगर कोई पार्षद बुकिंग के लिए पैसे ले रहा है तो यह सही नहीं है। जहां तक राशि कम करने की बात है तो यह विशेष परिस्थितियों में ही होता है, जिसमें किसी सामाजिक संस्था द्वारा सामाजिक कार्यक्रम के लिए पार्क बुक किया जाए या किसी विधवा की बेटी की शादी हो। पैसा लेना सरकारी कर्मचारी का कार्य है और वह उसकी रसीद भी देता है, लेकिन जिस पार्क की बुकिंग ही नहीं होती उसकी बुकिंग के नाम पर पैसे लेना गलत है।