कानपुर: संगठित क्षेत्र के कामगारों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध वाले कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अस्पतालों की व्यवस्था राम भरोसे है। महानगर में सबसे बड़ा ईएसआई हास्पिटल पांडु नगर, कहने को तो मल्टी स्पेशलिटी है, लेकिन यहां एक भी विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है। मंगलवार को जागरण टीम ने हास्पिटल में व्यवस्था का जायजा लिया।
यहां भी देर से आते डॉक्टर
ओपीडी के पंजीकरण काउंटर पर सुबह नौ बजे तक 28 पर्चे बने थे। ओपीडी में डॉक्टर बैठे थे, वहां पहले से बैठे मरीजों ने बताया कि डॉक्टर साहब अभी-अभी आए हैं। फिजीशियन डॉ. संजय कपूर मरीजों से घिरे थे। जगई पुरवा के एसएन त्रिपाठी ने दिल में बेचैनी होने पर आये थे, लेकिन यहां कोई विशेषज्ञ डॉक्टर न होने से कार्डियोलाजी जा रहे थे। जूही परमपुरवा के विवेक कुमार ने बताया यहां दांत और त्वचा के डॉक्टर भी नहीं हैं। टीम पैथालाजी पहुंची तो तीन मरीज बाहर बेंच पर बैठे मिले। पूछने पर बोले, पैथालाजी की डॉक्टर नहीं आई हैं। एक्सरे के लिए भी मरीज लाइन लगाए थे, पर डॉक्टर नहीं आए थे। टीम वार्ड में पहुंची, तो भर्ती मरीजों ने दवाओं में कटौती होने और खाने की गुणवत्ता पर अंगुली उठाई। अस्थाई आपरेशन थियेटर में आपरेशन चल रहे थे। सीएमएस अवकाश पर थीं, उनका कार्य डॉ. डीके गुप्ता देख रहे थे।
बेड क्षमता 312 से हुई 130
हास्पिटल में 40 हजार बीमितों को इलाज की सुविधा मिलती है। पहले अस्पताल की बेड क्षमता 312 थी। उच्चीकरण का कार्य होने की वजह से बेड संख्या कम करके 130 कर दी गई है।
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कई विभाग पड़े बंद
अस्पताल के कई विभाग पूरी तरह बंद पड़े हैं। हृदयरोग, बाल रोग, दंत रोग, त्वचा रोग एवं ईएनटी विभाग में एक भी डॉक्टर नहीं हैं। इनमें भर्ती तो दूर, ओपीडी में भी मरीज नहीं देखे जाते हैं।
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जुगाड़ से होते आपरेशन
अस्पताल में विशेषज्ञ नहीं हैं। इसके बावजूद सर्जरी, हड्डी रोग एवं एनेस्थिसिया विभाग चल रहे हैं। चार डॉक्टर सोमवार, मंगलवार एवं बुधवार को जनरल सर्जरी करते हैं। दो डॉक्टर गुरुवार, शुक्रवार को आर्थो सर्जरी करते हैं। सीएमएस डॉ. निशा सिंह नेगी व डॉ. डीके गुप्ता एनेस्थिसिया देते हैं।
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मंगलवार को अस्पताल की स्थिति
ओपीडी पंजीकरण -150 भर्ती महिलाएं - 22 भर्ती पुरुष - 70 सर्जिकल आपरेशन - 4
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एक नजर में अस्पताल
तैनाती : डॉक्टर-13, तृतीय श्रेणी कर्मचारी 67 एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मी-97 स्वीकृत पद : विशेषज्ञ डॉक्टर-15, सामान्य चिकित्सक-7, तृतीय श्रेणी कर्मी- 90 एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी-140। दवा का बजट : वर्ष 2012-13 में 59.5 लाख। वर्ष 13-14 में 62.16 लाख रुपये।
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शासन को विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से लगातार अवगत करा रहे हैं। कई विभागों में एक भी चिकित्सक नहीं है, इस वजह से मरीजों को रेफर किया जाता है। जनरल एवं आर्थोपेडिक सर्जरी किसी तरह कराई जा रही है। डॉ. डीके गुप्ता, प्रभारी सीएमएस, ईएसआई हास्पिटल पांडुनगर।