आगरा: कानपुर मेडिकल कॉलेज मारपीट को लेकर जूनियर डॉक्टरों के साथ आइएमए के समर्थन में आने से हजारों मरीजों की सांस उखड़ने लगी हैं। रविवार को निजी क्लीनिक बंद रहने से करीब 35 हजार मरीजों को इलाज नहीं मिल सका। बहुत से मरीज तो भर्ती के लिए खुशामद करते देखे गए लेकिन डॉक्टर किसी हाल में तैयार न हुए। स्थिति यह है कि निजी बातचीत में भी डॉक्टरों की बातों में इतना आक्रोश झलक रहा है, जैसा कभी नहीं दिखा। हड़ताल से एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी और वार्ड में भी इलाज ठप हो गया है। वहीं, शाम को कैंडल मार्च में एसएन के चिकित्सा शिक्षक भी समर्थन में आ गए। रात को इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को बाहर निकाल दिया। जूनियर डॉक्टरों के साथ ही आइएमए, आगरा ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान किया है। इससे सोमवार को निजी क्लीनिक और हॉस्पिटल की ओपीडी में मरीजों का इलाज नहीं होगा। इमरजेंसी केस में ही चिकित्सक इलाज करेंगे।
रविवार छुट्टी के चलते एसएन, लेडी लॉयल और जिला अस्पताल में ओपीडी बंद रही। वहीं आइएमए यूपी के आह्वान पर अधिकांश निजी क्लीनिक भी बंद रहे। हॉस्पिटल में मरीजों को इलाज दिया गया। साथ ही कुछ पैथोलॉजी लैब और एक्सरे सेंटर भी बंद रहे। इलाज न मिलने से शहर में मरीज भटकते रहे। वहीं, इमरजेंसी पर जूनियर डॉक्टरों का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। कॉलेज परिसर में तालाबंदी कर गेट पर जूनियर डॉक्टरों खड़े रहे।
दोपहर में आइएमए, भवन तोता का ताल पर चिकित्सकों की बैठक हुई। यहां जूनियर डॉक्टरों का पूरा सहयोग देने के लिए शाम को कैंडल मार्च में शामिल होने का निर्णय लिया गया।
शाम साढ़े पांच बजे इमरजेंसी से कैंडल मार्च निकाला गया। इसमें आइएमए के चिकित्सकों के साथ ही एसएन के हर विभाग के चिकित्सा शिक्षक भी शामिल हुए। यहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज, कानपुर में गिरफ्तार किए गए जूनियर डॉक्टरों को न छोड़े जाने, सपा विधायक और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई न करने तक जूनियर डॉक्टरों और आइएमए ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी।
छावनी बनी इमरजेंसी, एमजी रोड पर जाम
एमजी रोड पर मानव श्रृंखला और कैंडल मार्च के दौरान इमरजेंसी पर काफी संख्या में पुलिस फोर्स और पीएसी तैनात रही। इस दौरान एमजी रोड पर टै्रफिक रोक दिया गया। इसके चलते एमजी रोड पर लंबा जाम लग गया। इस दौरान आइएमए अध्यक्ष डॉ. सुधीर धाकरे, डॉ. संदीप अग्रवाल, डॉ. संजीव वर्मा, डॉ. वीएन खंडेलवाल, डॉ. शरद गुप्ता, डॉ. पवन गुप्ता, डॉ. मुनीश्वर गुप्ता, डॉ. मधु राजपाल, डॉ. वीके राजपाल, डॉ रवि पचौरी, डॉ वाईवी अग्रवाल, डॉ संजय धवन सहित एसएन के चिकित्सा शिक्षक मौजूद रहे।
इलाज न मिलने से इमरजेंसी और वार्ड खाली
इलाज न मिलने से एसएन इमरजेंसी और वार्ड में कराहते मरीजों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ा। इमरजेंसी में रविवार को कोई भी मरीज भर्ती नहीं हुआ। यहां भर्ती मरीजों को देर रात बाहर निकाल दिया गया। गोली लगने से गंभीर रूप से घायल मैनपुरी निवासी उस्मान सर्जरी विभाग में ऑपरेशन के लिए भेजा गया। यहां ऑपरेशन न होने पर परिजनों को उन्हें अपने साथ ले जाना पड़ा। वहीं स्त्री रोग विभाग, सर्जरी विभाग, मेडिसिन विभाग से इलाज न मिलने पर मरीज चले गए।
जिला अस्पताल और लेडी लॉयल में नहीं मिला इलाज
एसएन में इलाज न मिलने पर मरीज जिला अस्पताल और लेडी लॉयल हॉस्पिटल पहुंचे। मगर रविवार को छुट्टी होने के कारण एक ही इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर की तैनाती से मरीजों को इलाज नहीं मिल सका। स्वास्थ्य विभाग ने इनके लिए कोई इंतजाम नहीं किए।
निजी क्लीनिक सुबह खुले और बंद हो गए
आइएमए के आह्वान पर ओपीडी बंद रखने की अपील पर सुबह कुछ निजी क्लीनिक खुले। इसके बाद दोपहर 12 बजे तक अधिकांश क्लीनिक बंद हो गए। करीब 80 फीसद क्लीनिक बंद रहे। इसके चलते क्लीनिक के बाहर मरीजों घंटों इंतजार करते रहे। वहीं, अधिकांश हॉस्पिटलों में मरीजों को इलाज मिला।
जूनियर डॉक्टरों की वीडियो कांफ्रेंस
इमरजेंसी पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टर प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों से वीडियो कांफ्रेंस से जुड़ गए हैं। पल- पल की खबर ली जा रही है।
हड़ताल से आज से बिगड़ जाएंगे हालात, कोई इंतजाम नहीं
एसएन के साथ ही निजी क्लीनिक और हॉस्पिटल में ओपीडी बंद होने से हालात बिगड़ जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए कोई तैयारी नहीं की है। वहीं चिकित्सा शिक्षक भी जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में आ गए हैं। इससे मरीजों को शहर में इलाज नहीं मिलेगा। आगरा के साथ आसपास के जिलों के लोग भी प्रभावित होंगे।
कंटेंट पैकेजिंग में उभारें ये है हाल
एसएन इमरजेंसी - एक भी मरीज भर्ती नहीं वार्ड - 90 फीसद खाली
निजी क्लीनिक - 80 फीसद बंद रहे शहर में 1300 क्लीनिक और 450 नर्सिग होम
प्रभावित मरीज - करीबी 35 हजार बाक्स में
फैकल्टी की मदद से सोमवार को ओपीडी खोलने का प्रयास किया जाएगा। इमरजेंसी और वार्ड में मरीजों के इलाज के लिए ड्यूटी लगाई है। हालांकि अधिकांश मरीज चले गए हैं।
डॉ. एसके सत्संगी, प्राचार्य एसएन मेडिकल कॉलेज
जूनियर डॉक्टरों को पूरा समर्थन है। आइएमए, यूपी के आह्वान पर रविवार रात को अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला लिया है। ओपीडी, पैथोलॉजी जांच बंद रहेंगी। सिर्फ इमरजेंसी केस में ही इलाज किया जाएगा।
डॉ. सुधीर धाकरे, अध्यक्ष आइएमए, आगरा
एसएन से मरीजों के आने से अधिकांश बेड फुल हैं। मरीजों की संख्या अधिक होने पर अतिरिक्त इंतजाम किए जाएंगे।
डॉ. प्रभा उपाध्याय, एसआइसी लेडी लॉयल महिला चिकित्सालय
एसएन मेडिकल कॉलेज में चिकित्सीय कार्य पूरी तरह ठप कर दिया है। ओपीडी के साथ इमजरेंसी में भी मरीजों का इलाज नहीं किया जाएगा।
डॉ. भूपेंद्र चाहर, जूडा
सुबह नौ बजे आ गए थे। यहां क्लीनिक बंद मिला। शहर में कई और जगह गए, लेकिन डॉक्टर नहीं मिले।
नीरू, बाह
सांस की बीमारी है। 11 बजे पहुंचने पर पता चला कि क्लीनिक बंद है। कोई बताने वाला भी नहीं है।
शाहना, फीरोजाबाद
अपने मरीज को इलाज के लिए लेकर आए थे, लेकिन क्लीनिक बंद मिले। एसएन और जिला अस्पताल में भी इलाज नहीं मिला।