छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने एक ऐसा गैंग पकड़ा है, जो नाबालिग लड़कियों को ब्लैकमेल करके उनसे लाखों रुपये वसूलता था. हैरानी की बात है कि इस गैंग के अधिकतर सदस्य खुद भी छात्र हैं. जब इस गैंग ने एक बड़े कारोबारी की बेटी पर हाथ डाला, तब ये मामला पुलिस तक पहुंचा. पुलिस ने इस मामले में गैंग के सरगना समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस ने एक शिकायत के बाद इस गैंग को पकड़ा. इस गैंग के सरगना की पहचान आदर्श अग्रवाल के रूप में हुई है. पुलिस के मुताबिक रायपुर के आनंद नगर में रहने वाले एक बड़े कारोबारी की 15 वर्षीय बेटी 10वीं की छात्रा है. करीब सालभर पहले फेसबुक पर उसकी दोस्ती एक 17 वर्षीय किशोर से हो गई थी. वह लड़का 11वीं का छात्र है. पहले दोनों फेसबुक पर बातें करते रहे लेकिन जल्द ही दोनों के बीच मुलाकातों का दौर शुरू हो गया.
एक दिन उस छात्र ने लड़की को अपने दोस्त आदर्श अग्रवाल और सोहराब से मिलवाया. इस दौरान आदर्श ने उस लड़की से दोस्ती कर ली. उसके कुछ दिन बाद आदर्श ने लड़की को बताया कि उन दोनों की दोस्ती कराने वाला उनका दोस्त कैंसर की बीमारी से जूझ रहा है. उसके इलाज के लिए करीब 5 लाख रूपये की ज़रूरत है. लेकिन उसके पास पैसा नहीं है.
आदर्श ने ये बात इस तरह से बताई कि लड़की को उसकी बात पर भरोसा हो गया. वो जज्बाती हो गई और लड़के के इलाज के लिए पैसे देने की बात कहने लगी. आदर्श ने फौरन हामी भर दी. इसके बाद आदर्श की साजिश से अनजान छात्रा ने अपनी मां के अकाउंट से करीब 4 लाख रुपये निकालकर आदर्श को दे दिए और उसके दोस्त का इलाज कराने के लिए कहा. कुछ माह तक तो सब ठीक रहा लेकिन अचानक एक दिन छात्रा के सामने सच्चाई उजागर हो गई.
इसके बाद छात्रा और उन दोनों लड़कों के बीच कहासुनी भी हुई. फिर लड़की ने उन दोनों से मिलना जुलना बंद कर दिया. वो उनसे बात भी नहीं करती थी. बीते दिसंबर माह के दौरान दोनों लड़कों ने फिर से छात्रा को झांसे में ले लिया. दोनों ने प्लान के मुताबिक उससे माफी मांग ली. एक दिन आदर्श छात्रा को अपने दोस्त के घर ले गया और वहां उसकी अश्लील वीडियो बना ली. उसके साथ ज्यादती की.
कुछ दिन बाद उसने छात्रा को वो वीडियो वॉट्सएप के माध्यम से भेजा. जिसे देखकर छात्रा के होश फाख्ता हो गए. जब छात्रा ने आरोपियों से वीडियो हटाने के लिए कहा तो वो उसे ब्लैकमेल करने लगे. मजबूर होकर छात्रा ने उन दोनों को रकम दे दी. इसके बाद कुछ दिन लड़के शांत रहे लेकिन 31 दिसंबर की पार्टी के लिए दोनों फिर लड़की से पैसा मांगने लगे. पैसे न मिलने पर उसे वीडियो वायरल करने के लिए कहने लगे.
परेशान होकर छात्रा ने 29 दिसंबर की शाम घर से अपनी मां के गहने चुराए और वहां से निकल गई. नाबालिग आरोपी उसे अपने साथ एक जानकार लड़के के घर ले गया. उसके बाद पीड़ित छात्रा अपने घर नहीं पहुंची. उसका फोन भी बंद आ रहा था. उसके परिजनों को चिंता होने लगी. उन्होंने उसकी सहेलियों से बात की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला.
देर रात में लड़की के घरवाले तेलीबांधा थाने पहुंचे और उसके अपहरण का मामला दर्ज कराया. लेकिन 30 दिसंबर की रात को अचानक छात्रा अपने घर आ गई. जानकारी मिलते ही उसकी तलाश में लगी पुलिस भी उसके घर जा पहुंची. अगले दिन पुलिस ने छात्रा को अदालत में पेश किया, जहां उसने आपबीती सुनाई. पीड़ित छात्रा ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने उससे 9 लाख रुपये लेने के साथ-साथ उसकी मां की जेवर भी ले लिए थे.
छात्रा के बयान दर्ज हो जाने के बाद अगले दिन पुलिस ने इस संबंध में बलात्कार, आईटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज कर लिया. इसके बाद पुलिस ने आदर्श और उसके तीनों साथियों को धरदबोचा. पुलिस ने उनके मोबाइल फोन जब्त कर छात्रा का आपत्तिजनक वीडियो रिमूव कर दिया.
पुलिस को छानबीन के दौरान पता चला कि इन लड़कों ने एक गैंग बनाकर रखा था. जो पहले फेसबुक पर लड़कियों से दोस्ती करता था. फिर उन्हें भरोसे में लेकर उनके आपत्तिजनक और अश्लील वीडियो बनाता था. फिर उनके जरिए लड़कियों को ब्लैकमेल करके मोटी रकम वसूलता था. यही नहीं उनका यौन उत्पीड़न भी करता था. पुलिस अब पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है.