दिल्ली में कांग्रेस के लिए शीला दीक्षित को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के पीछे कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति

Jan 11 2019 12:48PM (IST)
दिल्ली में कांग्रेस के लिए शीला दीक्षित को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के पीछे कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति

दिल्ली में 15 साल तक लगातार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित के हाथों में एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गई है. शीला दीक्षित को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के पीछे कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. शीला में एक साथ कई खूबियां हैं, वे पंजाबी हैं और पूर्वांचली भी हैं. इसके साथ महिला और ब्राह्मण तो हैं ही. इतना ही नहीं आज भी दिल्ली में कांग्रेस के बाकी नेताओं में उनकी स्वीकार्यकता ज्यादा देखी जा सकती है. यही वजह है कि 80 साल के उम्र के पड़ाव पर होने के बावजूद शीला दीक्षित कांग्रेस के लिए दिल्ली में जरूरी बन गई हैं.

दरअसल 1998 से पहले तक दिल्ली में बीजेपी का दबदबा था, जिसे भेदने के लिए कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान शीला दीक्षित को दिया था. पार्टी आलाकमान का ये दांव काम आया था. कांग्रेस का वनवास खत्म हुआ और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं. उनका जादू पूरे 15 साल चला. 2013 में अरविंद केजरीवाल दिल्ली वालों का दिल जीतने में कामयाब रहे.

अन्ना हजारे और केजरीवाल ने भ्रष्टाचार पर यूपीए सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा किया और निर्भया मामले ने आग में घी डालने का काम किया था. इसके अलावा यूपीए सरकार के खिलाफ खड़ी हुई सत्ता विरोधी लहर में शीला सरकार भी फंस गई और सत्ता उनके हाथ से फिसल गई. ऐसे में कांग्रेस ने अरविंदर लवली से लेकर अजय माकन तक को आजमाया, लेकिन केजरीवाल के सामने चुनौती नहीं बन सके. अब एक बार फिर पार्टी ने दो दशक के बाद शीला को पार्टी की कमान सौंपी गई.

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने कुर्सी पर बैठते ही बिजली बिल और पानी बिल माफ कर दिया. लेकिन इन दोनों के जरिए बहुत लंबी दूरी नहीं तय की जा सकती. हालांकि केजरीवाल ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कदम बढ़ाया है, लेकिन केंद्र सरकार के साथ जिस तरह से केजरीवाल सरकार की टकराव की स्थिति रही है, उसका खामियाजा दिल्ली की जनता को उठाना पड़ रहा है. ये बात केजरीवाल के लिए नुकसानदेह साबित हो रही. इसके चलते दिल्ली के लोगों ने केजरीवाल को बहुत ज्यादा पसंद नहीं किया.

कांग्रेस के लिए शीला ही क्यों

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार होने के बाद आज भी लोग शीला दीक्षित सरकार के दौरान विकास के लिए जो कदम उठाए गए हैं, उन्हें याद करते हैं. दिल्ली की तस्वीर बदलने में शीला की अहम भूमिका मानी जाती है. राजधानी की ट्रैफिक, पलूशन और कल्चर के लिए जो लोग सोचते हैं, उन्हें शीला के कार्यकाल में किए काम याद हैं.

शीला के दौर में ही दिल्ली में सीएनजी यानी क्लीन एनर्जी की शुरुआत की गई थी. मेट्रो का आगमन कांग्रेस के ही कार्यकाल में हुआ था. दिल्ली में सड़कों और फ्लाइओवरों के जाल में उनका ही योगदान माना जाता है. उन्होंने कई सांस्कृतिक आयोजन शुरू कराए थे. दिल्ली में हरियाली भी शीला के दौर में कराई गई है. 24 घंटे बिजली दिल्ली को पहली बार नसीब उनके राज में ही हुई थी. कॉमनवेल्थ गेम जैसा बड़ा इवेंट सफलतापूर्वक कराने के पीछे भी शीला दीक्षित की मेहनत थी.

दिल्ली में उन्हें पंद्रह साल तक सफलतापूर्वक सरकार चलाने का श्रेय जाता है. केंद्र में बीजेपी की सरकार रहने के दौरान भी शीला दीक्षित ने बेहतरीन समन्वय के साथ दिल्ली सरकार चलाई. ये समन्वय मौजूदा केजरीवाल सरकार में पूरी तरह नदारद है. शीला दीक्षित के कार्यकाल के पहले 6 साल केंद्र में बीजेपी की सरकार रहने के दौरान केंद्र से भी उनके संबंध अच्छे थे.

शीला के बारे में कहा जा रहा है कि प्रदेश की 15 साल तक सीएम रहने के साथ-साथ उनकी यह खूबी भी है कि वह सभी को साथ लेकर चल सकती हैं. कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के पीछे यह भी तर्क दिया जा रहा है कि पिछले 15 सालों तक सीएम रहने के चलते वह जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ काफी गहराई से जुड़ी हैं. इस दौरान कई आरोप लगे, लेकिन साबित कोई नहीं हुआ. ऐसे में यह पहलू भी उनके पक्ष में रहा.

दिल्ली में जिस तरह से आबादी बढ़ी है, उससे राजनीतिक समीकरण बदले हैं. एक समय था जब पंजाबी ज्यादा थे, अब पूर्वांचल और बिहार के लोग तेजी से दिल्ली में बस रहे हैं. इस लिहाज से शीला फिट मानी जा रही हैं. शीला का पंजाब, यूपी और दिल्ली से गहरा नाता है. उन्होंने दिल्ली में पढ़ाई की है, खानदानी तौर पर उनका पंजाब से नाता रहा है. वहीं उन्नाव यूपी के मशहूर कांग्रेस नेता पंडित उमाशंकर दीक्षित के घर से भी उनका ताल्लुक है. कन्नौज से शीला सांसद भी रह चुकी हैं.

कांग्रेस को दिल्ली में शीला दीक्षित से उम्मीद है. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के वोट में सेंधमारी कर रखी है. खासकर दलित वोट पर आप का कब्जा है. मुस्लिम वोट कांग्रेस के साथ तभी आएगा, जब उसे लगेगा कि कांग्रेस बीजेपी को हरा सकती है. वैश्य और पंजाबी वोट ज्यादातर बीजेपी के पास है. ऐसे में शीला दीक्षित के सामने दो चुनौती है. एक तो सामाजिक समीकरण को सही करना, पुराने वोट को वापस लाना के चुनौती है.

उम्र बन रही बाधा

शीला दीक्षित के विरोध में सबसे बड़ी बाधा उनकी उम्र ही रही है. शीला इस समय 80 साल की हैं. इसके अलावा उनका स्वास्थ्य भी बेहतर नहीं रहा है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने उन्हें अपनी पार्टी का सीएम उम्मीदवार बनाया था. हालांकि बाद में एसपी के साथ गठबंधन होने के बाद उन्होंने दावेदारी वापस ले ली थी, लेकिन तब भी उनका स्वास्थ्य उनके प्रचार में बाधक बनकर सामने आया था. ऐसे में वो प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कितना संघर्ष करेंगी ये अहम सवाल है. हालांकि पार्टी ने तीन कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर एक अलग रणनीति अपनाई है.

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मेष

आपके लिए आज के दिन कुछ ऐसा जरूरी है कि आप उन लोगों से दूरी बनाए रखें जो आपकी पीठ पीछे आपके लिए सिरदर्द बने हुए हैं। हो सकता है कोई व्यक्ति आपके रक्तचाप को उत्तेजित करने के लिए ऐसा तनाव पैदा करे कि आप सब काम छोड़कर उसके पीछे लग जाएं। इन बातों से आपका अपना ही समय नष्ट होगा।

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वृष

आज का दिन फायदेमंद साबित होगा इसलिए कोशिशें करते रहें। शरीर अस्वस्थ हो सकता है इसलिए खाने-पीने में सावधानी रखें। स्टूडेंट्स को सलाह दी जाती है कि कुछ समय के लिए दोस्तों की महफिल लगाने की बजाय अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें। आपकी आकर्षक पर्सनैलिटी के कारण लोग आपकी तरफ आकर्षित रहेंगे। शाम के समय घर पर बिताना अच्छा रहेगा।

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मिथुन

आज का दिन आपके लिए काफी उपयोगी रहेगा। निवेश से उतना फायदा नहीं मिलेगा जितना आप सोच रहे थे। ऐसे दोस्तों की सलाह ले लें जो शेयरों के बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं। कई ऐसे लोगों से मुलाकात हो जाएगी जो आपको अच्छी सलाह देने के लिए आगे आएंगे।

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कर्क

अपने मौजूदा संकट को टालने के लिए आप अपने आसपास के लोगों से सलाह-मशविरा कर सकते हैं। कुछ प्रभावशाली लोग आपको ऐसा परामर्श दे सकते हैं कि एकाएक ही आपके अन्दर एक नई स्फूर्ति का संचार होगा। आपके उलझे हुए दिमाग में भी कुछ स्पष्ट तस्वीर उभर सकती है। यह सब आपके कष्ट-निवारण के लिए एक चमत्कारी संकेत हो सकता है।

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सिंह

पारिवारिक विषमताएं सिर उठा सकती हैं। मान-सम्मान भी बढ़ेगा और अप्रत्याशित लाभ की प्राप्ति भी होगी। आर्थिक लेन-देन में सावधानी बरतें। किसी से अनबन के कारण व्यवहार व विचारों में परिवर्तन करना होगा। आपके द्वारा किए गए कार्यों का विरोध होगा। परिवार की समस्याओं के सम्बंध में कोई गलत निर्णय लेना कठिन होगा।

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कन्या

क्लेश कार्य और झगड़े वाला गोचर आज के दिन भी जारी रहेगा। जिन लोगों पर आप भरोसा करेंगे, वही लोग आपको देखकर अपना रास्ता बदल लेंगे। यदि आपके पास यथेष्ट शक्ति और धैर्य का अभाव है तो उसे एकजुट करने में अपनी ताकत को लगा सकते हैं। अपनी लड़ाई आपको अकेले ही लड़नी होगी।

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तुला

सहज ही सभी काम समय पर बनते नजर आएंगे। अच्छे दिनों का संयोग मन को प्रफुल्लित करेगा। कार्यसाधक गतिविधियां होंगी और वित्तीय लाभ भी यथेष्ट रूप में होगा। खर्च पर नियंत्रण रखना जरूरी है। व्यापार व व्यवसाय से सम्बंधित कई अनुभव होंगे। व्यापार व व्यवसाय से जुड़े जातकों की विभिन्न क्षेत्रों में साख बढ़ेगी। यात्राएं होंगी।

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वृश्चिक

उत्सव व त्योहार में सम्मिलित होने के अवसर प्राप्त होंगे। अच्छे भोजन से स्वास्थ्य में वृद्धि होगी। मित्रों व बंधुजनों के कारण तनाव होने से घर में भी क्लेश की स्थिति पैदा हो सकती है। शुभ समाचार का आना लगातार जारी रहेगा, इसलिए वही कार्य करें, जिसके बनने की उम्मीद हो। संतान के प्रति थोड़ा चिंतित होंगे पर समझदारी से काम लें।

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धनु

आज आपको अपने काम को पूरा करने में किसी ठोस सहारे की जरूरत नहीं पड़ेगी। आपका अपना आत्मविश्वास ही अकेले ही इतना सबल और सक्षम बनेगा कि आप एक ही झटके में सफलता के द्वार पर खड़े होंगे। इस समय आपको कारोबार और व्यापार में अच्छा लाभ भी होगा और किसी सुनियोजित कार्य में प्रगति होने से संतोष भी मिलेगा।

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मकर

कुछ समय के लिए आपके ऊपर बढ़ते खर्च का बोझ लगातार जारी है । आज भी कुछ ऐसी ही संभावनाएं दिखाई पड़ रही हैं, आपके स्वास्थ्य और घरेलू जरूरत को पूरा करने में आपका बजट डामाडोल हो सकता है। ऐसी स्थिति में अपनी जमा-पूंजी को बाहर निकालने में संकोच न करें, क्योंकि समय की मांग यही है।

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कुंभ

आज का दिन कुछ सुस्त और धीमी गति से शुरू होगा। सुबह आप जिन बातों को लेकर थोड़ा परेशान रहेंगे, दोपहर में वही बातें आपको खुशी देंगी। ऑफिस में अपनी जगह बनाने के लिए सूझ-बूझ से काम लेना होगा। बुद्धि से जुड़े कामों के नतीजे शाम तक मिलने लगेंगे। नई डील फाइनल करने का काम कुछ समय के लिए टाला जा सकता है।

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मीन

राजनैतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति होगी। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। कार्यक्षेत्र में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। मनोरंजन के अवसर प्राप्त होंगे। व्यर्थ की भागदौड़ रहेगी।

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