मूली का सेवन सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। यह कई बीमारियों से बचाव भी करती है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि मूली खाने से कोरोनरी रक्त वाहिनियों की रक्षा हो सकती है। इससे हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे से बचाव हो सकता है। जापान की कागोशिमा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष सकुराजीमा डाइकन मूली पर किए गए अध्ययन के आधार पर निकाला है। ये मूली आकार में बड़ी होती हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार, मूली एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है। एंटीऑक्सीडेंट हाई ब्लड प्रेशर और खून का थक्का बनने के खतरे को कम कर सकता है। इन्हीं समस्याओं के चलते हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
मूली खाने के बहुत फायदे
ताजा मूली खाने से पाचनशक्ति बढ़ती है। मूली के पत्ते खाये भी जाते हैं। मूली को सलाद के रूप में ज्यादातर प्रयोग किया जाता है। मूली में प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अधिकतर सलाद के रूप में खायी जाने वाली मूली में क्लोरीन, फास्फोरस, सोडियम और मैग्नीशियम भी पाया जाता है। मूली में विटामिन ए, बी और सी भी होता है। पेट और मूत्र विकार के अलावा यह अन्य कई लाभ भी पहुंचाती है। आइए हम आपको बताते हैं कि मूली हमारे स्वास्थ्य के लिए कितनी फायदेमंद है।
मूली के लाभ
पेट के लिए मूली बहुत लाभदायक होती है। पेट की कई बीमारियों में मूली का रस बहुत फायदेमंद होता है। अगर पेट में भारीपन महसूस हो रहा हो तो मूली के रस को नमक में मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
मूली खाने से लिवर मजबूत होता है। लीवर व स्प्लीन (प्लीहा) के मरीजों को अपने दैनिक भोजन में मूली का जमकर सेवन करना चाहिए।
मूली का रस दिल के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मूली के रस से गला भी साफ होता है।
मूली को हल्दी के साथ खाने से बवासीर में फायदा होता है। बवासीर के मरीजों को हर रोज मूली का सेवन करना चाहिए।
मूली दांतों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मूली खाने से दांत मजबूत होते हैं। मूली में कैल्शियम पाया जाता है, इसलिए यह हड्डियों को भी मजबूत करता है।
दमा और खांसी के मरीजों को मूली का सेवन करना चाहिए। खांसी आने पर सूखी मूली, काला नमक व जीरा मिलाकर बने काढे को पीने से फायदा होता
है।
मूली के रस को अनार के रस में मिलाकर पीने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
पेट के की़ड़ों को नष्ट करने में भी कच्ची मूली फायदेमंद साबित होती है। हाई ब्लड प्रेशर को शांत करने में मूली मदद करती है।
त्वचा के रोगों में यदि मूली के पत्तों और बीजों को एक साथ पीसकर लेप कर दिया जाये, तो यह रोग खत्म हो जाते हैं।