मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को विधानसभा में वर्ष 2014-15 का बजट पेश किया। इस बार का बजट पूरी तरह विकास योजनाओं पर आधारित है। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा पर जोर दिया गया है। इस बार कुल 2,74,704.59 करोड़ का बजट पेश किया गया, जो पिछले साल की तुलना में 22 प्रतिशत ज्यादा है। माना जा रहा है कि यह जीरो टैक्स और जीरो घाटे का बजट है। यह आठ सालों में सबसे बड़ा बजट है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने इसका बहिष्कार किया और विधान सभा से वॉक आउट कर दिया। इस बजट की सबसे बड़ी बात यह रही कि इसमें कई बड़ी योजनाओं पर कोई चर्चा नहीं की गई।
अखिलेश सरकार ने इंदिरा आवासों के लिए 1800 करोड़ का बजट पेश किया, वहीं लोहिया गांवों के लिए 1500 करोड़ दिए। नेशनल क्राइम इंश्योरेंस के लिए 95 करोड़ का बजट पेश हुआ। सरकार ने सहकारी चीनी मिलों के बकाया भुगतान के लिए 400 करोड़ का बजट पेश किया। भूमि सेना योजना के लिए 100 करोड़ दिया गया। सरकार ने रामशरण दास सड़क योजना की शुरुआत करते हुए इसके लिए 50 करोड़ का बजट पेश किया। माध्यमिक शिक्षा के लिए 7880 करोड़ और सड़क व पुलों के लिए 15100 करोड़ का बजट पारित हुआ। आगरा और लखनऊ में आईटी सिटी को हरी झंडी भी दे दी गई। बिजली के लिए 24 हजार करोड़ का बजट, वहीं पूर्वांचल के लिए 291 करोड़ का बजट पेश किया गया।
सपा सरकार ने अपने बजट में तीन महत्वाकांक्षी योजनाओं पर कोई चर्चा ही नहीं की गई और इसे बजट से बाहर रखा गया। इस तरह कन्या विद्या धन योजना, लैपटॉप योजना और बेरोजगारी भत्ता जैसे फ्लैगशिप योजनाओं को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा हमारी बेटी उसका कल और सरकारी कंबल वितरण योजनाओं को भी बजट से बाहर रखा गया। हालांकि सरकार ने समाजवादी पेंशन के लिए 2424 करोड़ का बजट किया। इस योजना से अबतक करीब 40 लाख परिवारों को लाभ मिल चुका है। सरकार ने अपने बजट में प्रदेश में तीन नए सैनिक स्कूल खोलने की बात कही है। सरकार ने पंचायती राज में 606 करोड़ का बजट पेश किया है।
चकगंजरिया में आईटी सिटी, आईआईआईटी, कैंसर इंस्टीट्यूट, मेडिसिटी, कार्डियोलॉजी सेंटर, डेयरीप्लांट, प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमी, 300 किमी लंबे लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे के लिए 3280 करोड रुपए, लखनऊ मैट्रो को गति प्रदान करने के लिए 95 करोड़ रुपए। 1090 महिला पावरलाइन का विस्तार अब जिलों तक, लखनऊ में पांच लाख लीटर क्षमता के डेयरी प्लांट की स्थापना की घोषणा, लखनऊ सहित दूसरे शहरों के लिए 500 करोड़ रुपए अवस्थापना राशि, जेएनएनयूआरएम के काम पूरे करने के लिए बजटजेपी इंटरनेशनल सेंटर के लिए 100 करोड़ रुपए दिए गए। गोमतीनदी तट परियोजना को बजट, कैंसर हॉस्पिटल के लिए 86 करोड़ रुपए का बजट, लोहिया इंस्टीट्यूट के लिए 184 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया। केजीएमयू को 400 करोड़ रुपए का बजट उच्चीकृत करने के लिए, एसजीपीजीआई को 368 करोड़ रुपए निर्माण और संचालन के लिए, लखनऊ में टोटल फॉरेस्ट कवर योजना लागू, हाईकोर्ट न्यू बिल्डिंग गोमतीनगर के लिए 370 करोड़ रुपए पेश किया गया।
बजट पेश करने के बाद मीडिया से मुखाबित हुए सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार का उद्देश्य गांवों में खुशहाली लाना है। उन्होंने कहा कि जब तक इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार नहीं होगा विकास की बात सोची भी नहीं जा सकती है। उन्होंने कहा कि उनका मक्सद गांवों को फोरलेन से जोड़ना है। उन्होंने छात्र-छात्राओं के लिए ई-लाइब्रेरी की भी बात कही। जब सीएम से पूछा गया कि उन्होंने लैपटॉप वितरण जैसे महात्वकांक्षी योजना को बंद क्यों किया, इस पर उन्होंने जवाब दिया पहले दो बजट में इस योजना को प्रमुखता दी गई थी। सीएम ने माना कि इस बार सरकार की प्राथमिकताएं जरूर बदली हैं।
शुक्रवार दोपहर 12.20 बजे मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट पेश किया। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद फरवरी में राज्य सरकार ने विधानमंडल में 2,59,848.68 करोड़ रुपये का अंतरिम बजट पेश किया था। पहले चार महीने के लिए 93,502 करोड़ का लेखानुदान पास कराया गया था। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सरकार ने अपनी उन फ्लैगशिप योजनाओं के बजट में कमी करने का मन बनाया है जिन्हें घोषणा पत्र में शामिल करके वह सत्ता तक पहुंची थी।