फ्रांस के पेरिस में बुधवार को तीन नकाबपोश बंदूकधारियों ने व्यंग्य-पत्रिका 'शार्ली एब्दो' के दफ्तर पर हमला बोल दिया. इस हमले में पत्रिका के संपादक स्टीफन चारबोनियर समेत कम से कम 12 लोगों की हत्या कर दी गई है, वहीं ताजा अपडेट के मुताबिक 18 साल के एक हमलावर ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि हमिद मोराद नाम के इस हमलावर ने बुधवार रात करीब 11 बजे खुद को पुलिस के हवाले कर दिया. मोराद ने अपना नाम सोशल मीडिया पर आने के बाद आत्मसमर्पण किया. पुलिस और खुफिया एजेंसियां उससे गहन पूछताछ कर रही हैं.
फ्रांस की पुलिस ने सभी तीन हमलावरों की पहचान कर ली है. इनमें हामिद मोराद के अलावा एक का नाम कोआची (34) और दूसरे का नाम शेरिफ कोआची (32) है. पुलिस ने दोनों की तस्वीर भी जारी की है. इनमें से एक इससे पहले भी आतंकी वारदातों में नामजद हो चुका है. दोनों भाई बताए जा रहे हैं और पुलिस इनकी तलाश कर रही है. दोनों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया जा चुका है. दोनों फ्रांस के रहने वाले हैं, जबकि मोराद रीम्स के उत्तर-पूर्वी इलाके का रहने वाला है.
फरार संदिग्ध आतंकी भाई शेरिफ कोआची और कोआची
जानकारी के मुताबिक, शेरिफ कोआची की 2005 में एक आतंकी संगठन से रिश्तों के बाबत गिरफ्तारी हो चुकी है. जेल से छूटने के बाद वह इराक चला गया था और इस्लामी आतंकियों के गुट में शामिल हो गया. बुधवार रात फ्रांस पुलिस के आतंक रोधी दस्ते ने रातभर सर्च ऑपरेशन जारी रखा. बताया जाता है कि हमलावर हर बार गोली चलाने से पहले 'अल्लाह ओ अकबर' का नारा लगा रहे थे. बुधवार को पत्रिका दफ्तर पर हुए हमले में 6 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनका स्थानीय अस्पतालों में इलाज चल रहा है. पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि मरने वालों में 9 पत्रकार और 2 पुलिसकर्मी शामिल हैं.
हमले के बाद सुरक्षा बढ़ी
इस हमले के बाद फ्रांस में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. आतंकी वारदातों के मद्देनजर दिल्ली में भी भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और ब्रिटेन के पीएम डेविड कैमरन ने भी इस बर्बर हमले की कड़ी निंदा की है. दुनियाभर में इस कत्लेआम की कड़ी निंदा हो रही है. मैगजीन के संपादक स्टीफन और अन्य पत्रकारों की ये तस्वीर अब बस याद बनकर रह गई है, जिसे सोशल मीडिया पर भी खूब शेयर किया जा रहा है.
हमले में मारे गए कार्टूनिस्ट पत्रकार (घड़ी की सूई की दिशा में) ज्यां काबू, टिग्नू, वॉलिसंगी पोसिंग, संपादक स्टीफन चारबोनियर, बर्नार्ड मैरिस और शर्ब
अलकायदा से जुड़े हैं हमलावर!
हमले के दौरान इमारत के अंदर छिपकर जान बचाने वाले कार्टूनिस्ट कोरीन रे उर्फ 'कोको' के मुताबिक, हमलावर सधी हुई फ्रेंच भाषा बोल रहे थे और खुद को अलकायदा का बता रहे थे. उन्होंने बताया, 'हमला पांच मिनट तक चला. उन्होंने वोलिंस्की और काबू को गोली मार दी. मैं एक डेस्क के नीचे छिप गया. वे परफेक्ट फ्रेंच बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि वे अलकायदा से हैं.'
बताया जा रहा है कि हमलावर मैगजीन में छपे पैगंबर मुहम्मद के कार्टून से नाराज थे. पत्रिका काफी समय अपने कथित 'इस्लाम विरोधी' कंटेंट की वजह से कट्टरपंथियों के निशाने पर थी. इसने हाल ही में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के मुखिया अबू बकर अल-बगदादी का कार्टून भी ट्विटर पर शेयर किया गया था. पुलिस ने दावा किया कि घटनास्थल पर हमलावरों ने 'हमने पैगबंर का बदला ले लिया' जैसे नारे लगाए.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा की
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पेरिस में हुए बर्बर और कायरतापूर्ण आतंकी हमले की निंदा की है. 15 सदस्यीय परिषद ने एक बयान में कहा कि पत्रकारों और एक पत्रिका को निशाना बनाने वाले इस असहनीय हमले की सुरक्षा परिषद के सदस्य कड़ी निंदा करते हैं. परिषद ने हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने पर जोर दिया.
इस तरह किया गया हमला
हमले की जांच से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि ऑटोमैटिक राइफल क्लाशनिकोव और एक रॉकेट लॉन्चर लिए दो लोगों ने मध्य पेरिस स्थित इमारत पर धावा बोल दिया. सूत्र ने बताया कि बंदूकधारियों ने एक कार पर कब्जा किया और एक राहगीर से इसे तेजी से चलाने को कहा.
PM मोदी बोले, 'हम फ्रांस के साथ'
फ्रांसिसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने इसे 'आतंकी हमला' बताया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि कोई भी बर्बर हमला प्रेस की आजादी को खत्म नहीं कर सकता. हम हमले के खिलाफ एकजुट हैं.' भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की निंदा की और कहा कि भारत फ्रांस के लोगों के साथ है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी हमले की कड़ी निंदा की.