नई दिल्ली:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार करते हुए उसमें रविवार को 21 नए मंत्रियों को शामिल किया जिनमें चार कैबिनेट मंत्री हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
नए मंत्रियों में तीन स्वतंत्र प्रभार और 14 राज्यमंत्री के रूप में शामिल किए गए हैं। इन्हें मिलाकर मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री समेत 66 मंत्री हो गए हैं। सबसे पहले शपथ गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने ली।
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर परिर्कर, हरियाणा के दिग्गज जाट नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव जगत प्रक ाश नड्डा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
आज के समोराह से अलग रही शिवसेना से जुडे रहे प्रभु को मंत्री बनाया गया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वह किस पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में मंत्रिपरिषद में शामिल हुए हैं।
तेलंगाना से चौथी बार सांसद बने बंगारू दत्तात्रेय, पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी और जाने माने चिकित्सक डा. महेश शर्मा को स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बनाया गया है।
बिहार के सारन से लोकसभा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। शिव सेना के सुरेश प्रभु को भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया है। हालांकि, उन्हें कैबिनेट मे शामिल करने को लेकर उनकी पार्टी खुश नहीं है।
नए 14 राज्यमंत्रियों में भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी, लोकसभा चुनावों से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) छोड़कर भाजपा में शामिल हुए रामकृपाल यादव, झारखंड से भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के पुत्र जयंत सिन्हा, पश्चिम बंगाल से लोकप्रिय गायक बाबुल सुप्रियो तथा ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठाोर शामिल हैं।
इनके अलावा गुजरात से हरिभाई बागची भाई चौधरी, अजमेर से कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट को हराने वाले सांवरलाल जाट, गुजरात से मोहन भाई कल्याणजी भाई कुंदरिया, बिहार से गिरिराज सिंह, महाराष्ट्र से हंसराज अहीर, उत्तरप्रदेश से प्रो. रामशंकर कठेरिया, तेलंगाना से तेलुगु देशम पार्टी के वाई. एस. चौधरी, उत्तरप्रदेश से साध्वी निरंजन ज्योति और पंजाब से विजय सांपला शामिल हैं।
हालांकि, शिव सेना ने अपने आप को इस कैबिनेट विस्तार से दूर रखा है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे समारोह में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली नहीं आए।
नए मंत्रियों में साध्वी निरंजन ज्योति एक मात्र महिला हैं। इन्हें मिला कर केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में महिलाओं की संख्या सात हो गई है जिनमें पांच कैबिनेट स्तर की हैं। पार्रिकर और प्रभु इस समय संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।
शेष मंत्रियों में चार राज्यसभा से और बाकी लोकसभा के सदस्य हैं। बताया जाता है कि पार्रिकर को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य बनाया जा रहा है। मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद के पहले विस्तार में विभिन्न राज्यों, समुदायों एवं वर्गो को प्रतिनिधित्व देने का पूरा प्रयत्न किया।
बिहार से तीन, यूपी से चार मंत्री इस विस्तार से भाजपा के सहयागी दलों में से सिर्फ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) को मौका मिला है। उसके राज्यसभा सदस्य वाई एस चौधरी को राज्य मंत्री बनाया गया । अगले वर्ष बिहार और उसके बाद उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए दोनों राज्यों से सात नए मंत्री बनाए गए हैं। बिहार से तीन और उत्तर प्रदेश से चार मंत्री बनाए गए हैं।
हरियाणा और महाराष्ट्र में हाल ही में मिली चुनावी सफलता को देखते हुए उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाया गया है। लोकसभा चुनाव से ऎन पहले कांग्रेस से भाजपा में आए हरियाणा के चौधरी बीरेन्द्र सिंह को कैबिनेट तथा महाराष्ट्र से सुरेश प्रभु को को कैबिनेट और कोयला घोटाले का पर्दाफाश करने वाले हंसराज अहीर को राज्य मंत्री बनाया गया है।
राजस्थान, गुजरात से दो-दो मंत्री पश्चिम बंगाल को मोदी मंत्रिमंडल में पहली बार प्रतिनिधित्व देते हुए आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो को राज्य मंत्री बनाया गया है। मोदी के गृहराज्य गुजरात और राजस्थान से दो--दो राज्य मंत्री बनाए गए हैं। नड्डा के मंत्री बनाए जाने के साथ मंत्रिपरिषद में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व हो गया ह,ै लेकिन उत्तराखंड से इस बार भी किसी को मौका नही दिया गया, जबकि लोकसभा चुनावों में राज्य की पांचों सीटों पर भाजपा विजयी रही थी।
कुछ स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों को पदोन्नत किये जाने की चर्चा थी लेकिन ऎसा कुछ भी नहीं हुआ। शिवसेना की तरफ से राज्य सभा सदस्य अनिल देसाई को शपथ दिलाए जाने की चर्चा थी, लेकिन महाराष्ट्र में सरकार में भागीदारी को लेकर चल रहे मनमुटावों तथा मनमाफिक मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज शिवसेना इस समारोह में शामिल नहीं हुई।
समारोह में नहीं आया कांग्रेस का कोई नेता शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, राज्यसभा के उपसभापति पी जे कुरियन, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, तेलुगु देशम पार्टी के नेता एवं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडु, केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य एवं भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री तथा अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। समारोह में कांग्रेस का कोई प्रमुख नेता मौजूद नहीं था।
21 मंत्रियों में से 19 ने हिंदी में ली शपथ केन्द्रीय मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में हिन्दी का बोलबाला रहा। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कुल 21 लोगों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। उनमें से 19 लोगों ने हिन्दी में तथा दो लोगों ने अंगे्रजी में शपथ ली। पश्चिम बंगाल के आसनसोल से पहली बार चुनाव जीते बाबुलसुप्रियो तथा तेलुगु देशम पार्टी के कोटे से राज्य मंत्री बने वाई एस चौधरी ने अंगे्रजी में शपथ ली। सभी चार कैबिनेट तथा सभी तीन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने भी हिन्दी में ही शपथ ली।