सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल मोड में 6,991 मामलों को सुनाया है। यह मामले आर्थिक वर्ष 2020-2021 के लिए सुनिश्चित किए गए हैं। यह मोड अपनी सुरक्षा नियमों के अनुसार बनाया गया है और सुनिश्चित किये गए मामले में परीक्षण आयोजित किये जाते हैं।
आर्थिक वर्ष 2020-2021: क्या हुआ और आपका क्या मतलब है
आर्थिक वर्ष 2020-21 वो साल था जब कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था की दिशा बदल दी। लॉकडाउन, फैक्ट्रियों की बंदी, यातायात में कमी और मांग में गिरावट ने लोगों और कारोबार दोनों पर असर डाला। सरकार और रिजर्व बैंक ने तुरंत कदम उठाए, लेकिन हर कदम का असर अलग तरह से महसूस हुआ। यह पेज उन खबरों और व्याख्याओं का संग्रह है जो इस साल की आर्थिक घटनाओं को समझना आसान बनाता है।
मुख्य आर्थिक घटनाएं 2020-21
यहां सीधे, छोटे-पाठ्य बिंदुओं में वो चीजें हैं जो सबसे ज्यादा मायने रखती हैं:
• लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधि धीमी हुई और कई सेक्टर—खासकर होटेल, एयरलाइन्स और रिटेल—पर बड़ा असर पड़ा।
• केंद्र ने PM Garib Kalyan और बाद में Atmanirbhar Bharat पैकेज जैसे कई राहत पैकेज दिए। इन पैकेजों में डायरेक्ट कैश, खाद्यान्न और क्रेडिट गारंटी शामिल थे ताकि मजदूर और MSME बच सके।
• रिजर्व बैंक ने रेपो रेट घटाई, बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ाई और EMI मोरेटोरियम जैसी राहतें दीं, जिससे कर्ज लौटाने में अस्थायी राहत मिली।
• स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ा और कई नीतियां स्थानीय उद्योगों व आपूर्ति श्रृंखला को मज़बूत करने पर केंद्रित रहीं।
आपके लिए क्या करना चाहिए था और क्या अभी करना है
अगर आप अब भी इन घटनाओं से असर महसूस कर रहे हैं, तो कुछ सरल कदम मदद करेंगे:
• अपने कर और दस्तावेजों को अपडेट रखें। कई तिथियों में बदलाव आया था, लिहाजा पुराने नोटिस और नए नियम दोनों देखें।
• EMI मोरेटोरियम खत्म होने पर अपने बैंक से संपर्क कर री-प्लानिंग पर चर्चा करें। मोरेटोरियम ने जुर्माना कम किया लेकिन कुल देनदारी बढ़ सकती है, इसलिए आगे की रणनीति तय करें।
• छोटे व्यापार वाले पढ़ें कि ECLGS जैसे क्रेडिट स्कीम्स आपकी योग्यता में आती हैं या नहीं। यह त्वरित लिक्विडिटी दे सकती है।
• अगर नौकरी या काम प्रभावित हुआ था तो सरकारी रोजगार और DBT स्कीम्स की पात्रता जांचें। कई योजनाओं में स्थानीय स्तर पर मदद मिलती रही है।
इस टैग पेज पर आप ऐसे लेख पाएंगे जो ऊपर बताए गए हर पहलू को सरल भाषा में तोड़ते हैं—बजट की मुख्य बातें, राहत पैकेज का असर, बैंकिंग उपाय, और छोटे व्यापार के लिए परामर्श। पढ़ते समय ध्यान रखें कि हर उद्योग और व्यक्ति की स्थिति अलग होती है; इसलिए अपने निर्णय से पहले आधिकारिक नियम और बैंकिंग सलाह जरूर देखें।
अगर आप चाहें तो हमारे यही टैग पढ़ते रहें—यहां वही खबरें और समझाइश मिलती हैं जो सीधे आपकी दिनचर्या और फैसलों पर असर डालती हैं।