सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल मोड में 6,991 मामलों को सुनाने का उद्देश्य क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल मोड में 6,991 मामलों को सुनाने का उद्देश्य दिल्ली और आर्थिक अभियानों को सुलझाना है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने देश के कोरोना वायरस से लेकर तकनीकी मामलों तक की स्थिति को निरीक्षण करने के लिए विभिन्न अनुमोदनों और नियमों का आधार बनाना है। इससे सभी अभियानों में समुचितता और न्यायप्रियता के लिए आधार स्थापित किया जा सकता है।
वर्चुअल मोड में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 6,991 मामलों को सुनाने के क्या फायदे हैं?
वर्चुअल मोड में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 6,991 मामलों को सुनाने के लाभ स्वतंत्र संवैधानिक प्रक्रिया की गणना की जा सकती है। वर्चुअल सेवाओं के माध्यम से यह संवैधानिक प्रक्रिया बहुत अधिक तेजी से संचालित हो सकती है। यह मामलों को सुनाना काफी सही तरीके से संचालित हो सकता है, जो मामलों से संबंधित प्रभावी निर्णय लेने में मदद करेगा। यह अधिक समय की बचत और प्रभावी प्रदर्शन के लिए उत्कृष्ट है।
वर्चुअल मोड में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 6,991 मामलों को सुनाने के क्या नुकसान हैं?
वर्चुअल मोड में मामलों को सुनाने की प्रक्रिया अत्यधिक अल्प समय तक लगातार चलेगी और कुछ मामलों को तुरंत निराकरण नहीं मिल सकता है। यह सभी मामलों में असुरक्षित पहुंच और निराकरण के लिए अत्यधिक देरी का कारण बन सकता है। इससे कुछ मामलों को अत्यधिक वृद्धि करने के लिए अत्यधिक समय व्यतीत होता है।
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