सेनुरन मुथुसामी ने पाकिस्तान में 70 साल बाद दोनों पारियों में पांच-विकेट हॉल लेकर इतिहास रचा
जब सेनुरन मुथुसामी ने लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में 23 नवंबर 2025 को पाकिस्तान के खिलाफ दूसरी पारी में अपना पांचवां विकेट लिया, तो वह सिर्फ एक गेंदबाज नहीं बन गया — वह एक इतिहास बन गया। पाकिस्तान में 70 सालों में दोनों पारियों में पांच-विकेट हॉल लेने वाले वह दुनिया के दूसरे गेंदबाज बन गए। पहले केवल एक इंग्लिश गेंदबाज ने यह कारनामा किया था — और उसका नाम आज भी अज्ञात है। मुथुसामी ने पहली पारी में 117 रन देकर 6 विकेट और दूसरी पारी में 57 रन देकर 5 विकेट लिए। चार गेंदों में तीन विकेट लेकर उन्होंने पाकिस्तान को 362-5 से 362-8 पर ला दिया। फिर नोमान को बोल्ड करके और साजिद खान को स्लिप में ऐडन मार्कराम के हाथों कैच कराकर, वे दूसरी बार हैट्रिक पर पहुंच गए। ये कोई रैंडम अच्छा प्रदर्शन नहीं था। ये एक जीवन भर के संघर्ष का नतीजा था।
जड़ें तमिलनाडु में, दिल दक्षिण अफ्रीका में
सेनुरन मुथुसामी का जन्म 22 फरवरी 1994 को डर्बन में हुआ, लेकिन उनके पूर्वज तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले से हैं। 11 साल की उम्र में उनके पिता का निधन हो गया। मां ने अकेले उन्हें पाला-पोसा — न सिर्फ जीवन भर के लिए, बल्कि एक टेस्ट क्रिकेटर बनाने के लिए। उन्होंने बचपन में घर के बाहर की गलियों में टेनिस बॉल से गेंदबाजी सीखी। उनकी बॉलिंग का अंदाज़ — धीमी, स्पिन, और बेहद बुद्धिमानी — उनकी जड़ों से मिलती-जुलती है। भारतीय स्पिनरों की तरह, वे बल्लेबाज की आंखों के सामने गेंद छिपाते हैं। बस एक अंतर: वे बाएं हाथ से गेंद फेंकते हैं।
दोहरा जादू: गेंदबाजी और बल्लेबाजी
मुथुसामी का ये प्रदर्शन सिर्फ गेंदबाजी तक सीमित नहीं था। उन्होंने भारत के खिलाफ गुवाहाटी टेस्ट में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा — 10 चौके, 2 छक्के, और 103 रन। ये उन्हें भारत के खिलाफ नंबर 7 या उससे नीचे बैटिंग करते हुए शतक लगाने वाले दक्षिण अफ्रीका के तीसरे बल्लेबाज बना दिया। पहले क्विंटन डी कॉक (2019) और लांस क्लूजनर (1997) ने यह कारनामा किया था। उन्होंने काइल वेरेने के साथ सातवें विकेट के लिए 88 रन की साझेदारी की, जिसने भारतीय गेंदबाजों को पूरी तरह बेकार साबित कर दिया।
रावलपिंडी टेस्ट में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी का एक और अद्भुत पहलू दिखाया। पहली पारी में नाबाद 89 रन बनाए — 155 गेंदों का सामना किया, 8 चौके जड़े। कागिसो रबाडा के साथ आखिरी विकेट के लिए 98 रन की साझेदारी की, जिससे दक्षिण अफ्रीका ने 76 रन की बढ़त हासिल की। ये उन्हें दक्षिण अफ्रीका के चौथे ऐसे बल्लेबाज बना दिया, जिन्होंने भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ 50+ रनों की पारी खेली है। पहले ग्रीम स्मिथ, मार्क बाउचर और टेम्बा बावुमा ने यह उपलब्धि हासिल की थी।
एक गेंदबाज, एक बल्लेबाज, एक टीम का नेता
मुथुसामी का टेस्ट करियर 10 अक्टूबर 2019 को विशाखापत्तनम में शुरू हुआ, जहां उनका पहला विकेट विराट कोहली था। आज तक उन्होंने 6 टेस्ट, 5 वनडे और 5 टी20 मैच खेले हैं — कुल 22 टेस्ट विकेट। लेकिन ये संख्याएं उनके योगदान को पूरी तरह नहीं बतातीं। एक सीरीज में उन्होंने 33 विकेट लिए, जिससे वे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में दूसरे नंबर पर पहुंच गए। उसी साल उन्हें दक्षिण अफ्रीका का ‘प्लेयर ऑफ द ईयर’ भी चुना गया।
उनकी करियर की सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी 181 रन थी — जो उन्होंने ओपनिंग करते हुए बनाई थी। लेकिन बाद में उन्होंने खुद को लोअर-मिडिल ऑर्डर में स्थानांतरित कर लिया। क्यों? ताकि बल्लेबाजी के बजाय गेंदबाजी पर ध्यान केंद्रित कर सकें। ये निर्णय उनकी बुद्धिमत्ता का प्रतीक है। उन्होंने अपनी शक्ति को नहीं, बल्कि टीम की जरूरत के अनुसार ढाल लिया।
क्या अब और भी आएगा?
अब तक के सभी प्रदर्शनों के बावजूद, मुथुसामी को अभी भी दक्षिण अफ्रीका की टीम में स्थायी जगह नहीं मिल पाई है। कोलकाता टेस्ट में उन्हें प्लेइंग XI में जगह नहीं मिली। लेकिन गुवाहाटी और लाहौर के मैचों ने उनके बारे में सब कुछ बदल दिया। अब उनकी बॉलिंग की गति, बदलाव और बल्लेबाजी की लचीलापन टीम के लिए एक खिलाड़ी के रूप में नहीं, बल्कि एक अनूठे टूल के रूप में देखा जा रहा है।
अगले महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज शुरू हो रही है। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपने घरेलू मैदानों पर बाएं हाथ के स्पिनर के खिलाफ अभी तक अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। अगर मुथुसामी को इस सीरीज में जगह मिल जाए, तो वह दुनिया के सबसे बड़े टेस्ट टीम के खिलाफ एक और ऐतिहासिक प्रदर्शन कर सकते हैं।
फ्रीक्वेंटली एस्क्वेस्टेड क्वेश्चंस
क्या सेनुरन मुथुसामी दुनिया के पहले गेंदबाज हैं जिन्होंने दोनों पारियों में पांच-विकेट हॉल लिया है?
नहीं, वे दुनिया के दूसरे गेंदबाज हैं जिन्होंने पाकिस्तान में यह कारनामा किया है। 70 साल पहले एक इंग्लिश गेंदबाज ने यह कारनामा किया था, लेकिन उसका नाम आज तक रिकॉर्ड में नहीं मिलता। दुनिया भर में केवल चार गेंदबाजों ने कभी दोनों पारियों में पांच-विकेट हॉल लिया है, और मुथुसामी उनमें से एक हैं।
क्या भारत के खिलाफ उनका शतक असामान्य है?
बिल्कुल। टेस्ट क्रिकेट में नंबर 7 या उससे नीचे बैटिंग करते हुए भारत के खिलाफ शतक लगाना बेहद दुर्लभ है। दक्षिण अफ्रीका के लिए ये तीसरा मामला है — और पहले दो बल्लेबाज ऑलराउंडर थे। मुथुसामी एक स्पिनर हैं, जिनकी बल्लेबाजी अक्सर अनुमान से बाहर होती है। ये उनकी बुद्धिमत्ता और बल्लेबाजी की तकनीक का प्रमाण है।
क्या उनकी बॉलिंग भारतीय बल्लेबाजों के लिए खतरनाक है?
हां। भारतीय बल्लेबाज अक्सर बाएं हाथ के स्पिनर के खिलाफ कमजोर होते हैं — खासकर जब गेंद बाहर की ओर घूमे। मुथुसामी की गेंद बाहर की ओर नहीं, बल्कि अंदर की ओर घूमती है, जिससे बल्लेबाज की बैटिंग पोजीशन को बेकार कर देती है। उन्होंने विराट कोहली को भी आउट किया है, जो इस बात का सबूत है।
क्या उनका पाकिस्तान में प्रदर्शन भारत-पाकिस्तान रिश्तों को प्रभावित कर सकता है?
सीधे तौर पर नहीं, लेकिन असर जरूर होगा। दक्षिण अफ्रीका के एक ऐसे खिलाड़ी जिनके पूर्वज तमिलनाडु से हैं, ने पाकिस्तान में इतिहास रचा — ये एक अनूठा सांस्कृतिक संकेत है। खेल अक्सर राजनीति से ऊपर उठ जाता है। ये प्रदर्शन दोनों देशों के लोगों के बीच एक नई पहचान बना सकता है — जहां खेल बंधन बन जाता है।